अनिता बोस ने नेताजी की अस्थियों की DNA जांच कराने का PM मोदी से किया अनुरोध

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[email protected] । Aug 22 2019 4:06PM

18 अगस्त को केंद्र सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) के एक ट्वीट पर पैदा हुए विवाद की पृष्ठभूमि में आयी है। पीआईबी ने ट्वीट कर कहा था कि पीआईबी महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी पुण्यतिथि पर याद करता है। नेताजी के परिवार के एक वर्ग द्वारा विरोध किए जाने के बाद इसे वापस ले लिया गया था। अनिता ने इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया कि क्या उन्हें लगता है कि पिछली सरकारों ने (कांग्रेस सरकार सहित) नेताजी की मौत के रहस्य को जानबूझकर नजरअंदाज किया।

कोलकाता। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के निधन से जुड़े विवाद के बीच बृहस्पतिवार को उनकी पुत्री अनिता बोस पाफ ने जापान के रेनकोजी मंदिर में रखी अस्थियों की डीएनए जांच सुनिश्चित कराने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया ताकि उनके पिता की मौत के मामले की सच्चाई सामने आ सके।  इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों में कुछ खास लोगों ने इस मामले की ‘‘अनदेखी’’ की क्योंकि वे ‘‘कभी नहीं’’ चाहते थे कि रहस्य से पर्दा उठे। अनीता बोस ने नेताजी की मृत्यु से जुड़े रहस्य को सुलझाने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की । उन्होंने कहा कि जब तक कि कुछ और साबित नहीं हो जाता, उन्हें लगता है कि उनके पिता की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को विमान दुर्घटना में हुई थी। 

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उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रूप से और जापानी अधिकारियों से भी मिलना चाहती हैं ताकि रेनकोजी मंदिर में रखी अस्थियों के डीएनए परीक्षण की अनुमति के लिए अनुरोध कर सकें। अनीता ने जर्मनी से टेलीफोन पर दिए साक्षात्कार में पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जब तक कुछ और साबित नहीं हो जाए, मुझे विश्वास है कि उनकी मृत्यु 18 अगस्त 1945 को विमान दुर्घटना में हुयी। लेकिन बहुत लोग इसे नहीं मानते। मैं निश्चित रूप से चाहूंगी कि रहस्य सुलझ जाए। मुझे लगता है कि रहस्य को सुलझाने का सबसे अच्छा तरीका जापान में मंदिर में रखी अस्थियों का डीएनए परीक्षण करना है। डीएनए परीक्षण से सच साबित हो जाएगा।’’उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार के पास रखी गई फाइलों को सार्वजनिक करके रहस्य को सुलझाने के प्रयासों को लेकर धन्यवाद देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मिलना चाहेंगी। उन्होंने कहा कि वह जापानी अधिकारियों से भी अनुरोध करेंगी कि अगर उनके पास नेताजी से जुड़ी कोई फाइल है तो वे उसे सार्वजनिक करें।

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उनकी टिप्पणी 18 अगस्त को केंद्र सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) के एक ट्वीट पर पैदा हुए विवाद की पृष्ठभूमि में आयी है। पीआईबी ने ट्वीट कर कहा था कि पीआईबी महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी पुण्यतिथि पर याद करता है।  नेताजी के परिवार के एक वर्ग द्वारा विरोध किए जाने के बाद इसे वापस ले लिया गया था। अनिता ने इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया कि क्या उन्हें लगता है कि पिछली सरकारों ने (कांग्रेस सरकार सहित) नेताजी की मौत के रहस्य को जानबूझकर नजरअंदाज किया।  जर्मनी में रह रही प्रख्यात अर्थशास्त्री अनिता ने कहा कि हालांकि उनके पास ऐसा कोई सबूत नहीं है कि कांग्रेस सरकारों ने इस मुद्दे की अनदेखी की लेकिन ‘‘पिछली सरकारों में कुछ लोग नहीं चाहते थे कि यह रहस्य सुलझे और इसकी अनदेखी की गई।’’

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