उद्यमता की भावना बढ़ाने व स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रदेश भर में लगाए जाएंगे अंत्योदय ग्राम उत्थान मेले - मुख्यमंत्री

Haryana CM ManoharLal

मुख्यमंत्री आज चंडीगढ़ में एक प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे । उन्होंने बताया कि पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के जीवन स्तर को ऊपर उठाने की अपनी महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान योजना क्रियान्वित की गई है इसके तहत सोमवार से प्रदेश भर में अंत्योदय ग्राम उत्थान मेले लगाए जाएंगे ।

चंडीगढ़ मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने कहा है कि परिवार पहचान पत्र योजना के तहत एक लाख रुपये से कम आय वाले लगभग 1 लाख 50 हजार परिवारों में उद्यमता की भावना बढ़ाने व स्वरोजगार से जोड़ने के साथ-साथ सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का लाभ देने के लिए खण्ड स्तर पर अंत्योदय ग्राम उत्थान मेलों का आयोजन किया जा रहा है। इसके प्रथम चरण में 29 नवंबर से 25 दिसंबर सुशासन दिवस तक 180 स्थानों पर मेलों में प्रदेश भर के युवाओं की इच्छानुसार व्यवसाय चयन करने का मौका दिया जायेगा।

 

मुख्यमंत्री आज चंडीगढ़ में एक प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे । उन्होंने बताया कि पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के जीवन स्तर को ऊपर उठाने की अपनी महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान योजना क्रियान्वित की गई है इसके तहत सोमवार से प्रदेश भर में अंत्योदय ग्राम उत्थान मेले लगाए जाएंगे ।

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मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के पात्र परिवारों की पहचान के लिए विशेष अभियान लांच किया गया जिसमें सवा तीन लाख परिवारों की आय एक लाख रुपये से कम है ऐसे डेढ लाख परिवारों की व्यक्तिगत जानकारी ली गई। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले के जारी शेड्यूल अनुसार दो या तीन दिन तक लगने वाले इन अंत्योदय ग्राम उत्थान मेलों में व्यापक स्तर पर व्यवसाय व स्वरोजगार के लिए पात्र परिवारों का चयन किया जायेगा। इसके लिए प्रदेश को 272 जोनो में बांटा गया है तथा प्रत्येक जोन पर एक नोडल अधिकारी लगाया गया है। इसके अलावा प्रदेश स्तर के अधिकारियों की भी ड्यूटी लगाई गई है इनमें सामाजिक कार्यकर्ताओं व जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है।

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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना में परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) से सत्यापित डेटा प्राप्त किया गया है और इसके आधार पर राज्य के गरीब परिवारों की पहचान की गई । इस योजना में शिक्षा , कौशल विकास , मजदूरी , स्वरोजगार और रोजगार सृजन के अन्य उपायों का एक पैकेज बनाया गया है।  योजना का लक्ष्य शुरू में परिवार की वार्षिक आय कम से कम 1 लाख रुपये और बाद में 1.80 लाख रुपये करना है । राज्य में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय टास्क फोर्स और जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है । 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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