Prabhasakshi Exclusive: Jinping-Zelenskyy के बीच बातचीत क्या Russia-Ukraine War के जल्द समाप्त होने का संकेत है?

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बिग्रेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि लेकिन जहां तक रूस-यूक्रेन युद्ध की बात है तो वहां चीन का शांति प्रस्ताव रंग नहीं ला पायेगा क्योंकि रूस यूक्रेन के कब्जाये क्षेत्रों से पीछे नहीं हटेगा और यूक्रेन अपने क्षेत्रों को रूस को सौंप कर युद्ध समाप्त करने की बात मानेगा नहीं।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में हमने बिग्रेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी जी से जानना चाहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदमीर जेलेंस्की से बात की है। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से जेलेंस्की के साथ चीन का यह पहला शीर्ष संवाद है। क्या आपको लगता है कि यह युद्ध अब समाप्ति की ओर बढ़ रहा है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि युद्ध समाप्ति की ओर नहीं बढ़ रहा है बल्कि यह अभी और लंबा खिंचेगा। चीन आजकल शांति दूत बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है और वैश्विक मामलों में अपनी भूमिका बढ़ाना चाहता है इसलिए वह कभी खाड़ी देशों के ईरान से संबंध सुधरवाता है तो कभी इजराइल और फिलस्तीन के बीच शांति का प्रस्ताव रखता है तो कभी रूस-यूक्रेन युद्ध शांत करवाने का प्रस्ताव रखता है।

बिग्रेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी जी ने कहा कि लेकिन जहां तक रूस-यूक्रेन युद्ध की बात है तो वहां चीन का शांति प्रस्ताव रंग नहीं ला पायेगा क्योंकि रूस यूक्रेन के कब्जाये क्षेत्रों से पीछे नहीं हटेगा और यूक्रेन अपने क्षेत्रों को रूस को सौंप कर युद्ध समाप्त करने की बात मानेगा नहीं। दूसरा अमेरिका भी नहीं चाहेगा कि चीन इस युद्ध को रुकवा कर बड़ी उपलब्धि हासिल कर ले इसलिए वह यूक्रेन को कभी युद्ध बंद करने के लिए नहीं कहेगा।

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उन्होंने कहा कि इसके अलावा रूस भी चीन के कहने पर युद्ध बंद करने की बात नहीं मानेगा क्योंकि पुतिन का मानना है कि दुनिया के शक्तिशाली देशों में अमेरिका से टक्कर लेने वाला देश रूस ही रहना चाहिए, उस जगह वह चीन को कभी नहीं आने देंगे। इसलिए कहा जा सकता है कि फिलहाल यह युद्ध समाप्त होने के आसार नहीं हैं लेकिन जिनपिंग और जेलेंस्की की बातचीत से जो दरवाजे खुले हैं उसका स्वागत किया जाना चाहिए।

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