Prabhasakshi Exclusive: Sudan में India यूँ ही सफल नहीं हुआ, Modi ने पिछले अनुभवों के आधार पर जो रणनीति बनाई वो रंग लाई

Operation Kaveri
ANI

बिग्रेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि ऑपरेशन कावेरी की सफलता के लिए विदेश मंत्री जयशंकर ने बाहरी मोर्चे पर सारा जिम्मा संभाला और हिंसा प्रभावित सूडान में तत्काल संघर्षविराम कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव को न्यूयॉर्क जाकर समझाया और आखिरकार भारत के प्रयास रंग लाये।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में हमने बिग्रेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी जी से जानना चाहा कि भारत हिंसाग्रस्त सूडान से भारतीयों को सुरक्षित निकाल पाने में कैसे सफल हो रहा है। साथ ही ऑपरेशन कावेरी को सफलता तक पहुँचाने के लिए क्या प्रयास किये गये। इसके अलावा विदेशों में संकट से घिरे भारतीयों को बचाने के लगातार सफल होते भारतीय मिशनों को कैसे देखते हैं आप? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हिंसाग्रस्त सूडान में 3000 से ज्यादा भारतीयों के फंसे होने की खबर जैसे ही सामने आई, वैसे ही भारत सरकार ने अपने लोगों को बचाने के लिए प्रयास शुरू कर दिये थे। प्रधानमंत्री से लेकर विदेश मंत्री तक ने एक-एक भारतीय की जान की चिंता करते हुए उनको सुरक्षित निकालने की रूपरेखा बनाई। इसके बाद मोदी सरकार ने ऑपरेशन कावेरी शुरू करने का ऐलान कर एक अनुभवी टीम को इस अभियान को सफलतापूर्वक पूरा करने के काम पर लगा दिया गया। 

बिग्रेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि ऑपरेशन कावेरी की सफलता के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बाहरी मोर्चे पर सारा जिम्मा संभाला और हिंसा प्रभावित सूडान में तत्काल संघर्षविराम कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव को न्यूयॉर्क जाकर समझाया और आखिरकार भारत के प्रयास रंग लाये। जैसे ही सूडान में दोनों पक्ष 72 घंटे के संघर्षविराम पर सहमत हुए वैसे ही भारत समेत सभी देश अपने अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने में लग गये।

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उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी नौसेना के जहाजों और वायुसेना के विमानों को पहले ही आपात योजना के तहत जेद्दा में तैनात कर रखा था इसलिए जैसे ही संघर्षविराम हुआ वैसे ही भारतीयों की सुरक्षित निकासी का अभियान ऑपरेशन कावेरी शुरू हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे ऑपरेशन की खुद निगरानी कर रहे हैं और निकासी अभियान में सहयोग के लिए उन्होंने विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन को जेद्दा में तैनात कर दिया। 

बिग्रेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि इस बीच, भारतीय नौसेना के जहाज भारतीयों को सूडान से निकाल भी रहे हैं और वहां भूख प्यास से परेशान भारतीयों के लिए खाने पीने का भरपूर सामान भी लेकर गये हैं ताकि उन्हें तत्काल राहत मिल सके। उधर, जो दृश्य सामने आ रहे हैं वह दर्शा रहे हैं कि नौसेना के जहाज और भारतीय वायुसेना के विमान में चढ़ता हर भारतीय भारत की सरकार और अपने देश का शुक्रिया अदा कर रहा है। हाथ में तिरंगा थामे जब भारतीय सूडान छोड़ रहे हैं तो अपने देश जल्द से जल्द पहुँचने की उनकी चाहत देखते ही बन रही है।

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