अर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑर्केस्ट्रा से की ऑपरेशन सिंदूर की तुलना, 22 मिनट में दुश्मन ढेर

Army Chief General Upendra Dwivedi
ANI

ऑपरेशन सिंदूर को ऑर्केस्ट्रा के समान बताते हुए आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने खुफिया तंत्र, सटीकता और तकनीक के समन्वय से 22 मिनट में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह करने की भारतीय सेना की क्षमता पर प्रकाश डाला, जो वर्षों की योजना का परिणाम था। यह 88 घंटे चली सैन्य झड़प, जो भारत और परमाणु-सशस्त्र पाकिस्तान के बीच हुई, विभिन्न रणनीतिक चुनौतियों और आधुनिक युद्ध के बदलते स्वरूप को दर्शाती है।

भारतीय सेना के चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर एक भरोसेमंद ऑर्केस्ट्रा की तरह था, जहां हर म्यूजिशियन ने एक साथ मिलकर काम करने की भूमिका निभाई है, 22 मिनट के अंदर ही भारतीय सेना ने 9 आंतकी जगहों को तबाह कर दिया। उन्होंने कहा- मिलिट्री ऑपरेशन में हालात के बदलने के साथ बदलाव का अंदाजा लगाने की दूर की सोच दिखाई देती है। यह एक ऐसा जवाब था जो उस पल में नहीं बल्कि सालों की सोच से बना था कि कैसे इंटेलिजेंस, सटीकता और टेक्नोलॉजी मिलकर एक्शन में बदल सकती हैं।

88 घंटे तक चली मिलिट्री लड़ाई

दिल्ली में एक मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में छात्र-छात्राओं से बात करते हुए आर्मी चीफ ने कहा कि- पाकिस्ताम ने भी भारत के खिलाफ हमले किए और उसके बाद भारत के सभी जवाबी हमले भी ऑपरेशन सिंदूर के तहत किए गए। उन्होंने बताया कि, न्यूक्लियर हथियारों से लैस दो पड़ोसियों के बीच करीब 88 घंटे तक चली मिलिट्री लड़ाई 10 मई की शाम को एक समझौते पर पहुंचने के बाद रुक गई है।

आर्मी चीफ की स्पीच की 5 मुख्य बातें

- 21वीं सदी में दुनिया में प्रतिस्पर्धा और टकराव से भरी हुई है। दुनिया में 55 से अधिक संघर्ष चल रहे हैं, जिनमें 100 से ज्यादा देश सीधे या गु्प्त रूप से जुड़े हैं। बाजार भी बदल चुके हैं- राष्ट्रवाद, प्रतिबंध और संरक्षणवाद के बीच जियोइकोनॉमिक्स युद्ध जैसी रणनीति में बदल गया है।

- सहयोग से लेकर संघर्ष तक: जनरल चीफ ने कहा कि- आधुनिक रणनीति में Wren & Martin की तरह एक नई ग्रामर बन गई है। सहयोग से लेकर संघर्ष तक 6C मॉडल काम रहे हैं, Cooperation, Collaboration, Co-existence, Competition, Contestation and Conflict

- भारतीय सेना ने अत्यधिक तेजी, नेवी-एयर फोर्स और दूसरे डोमेन के साथ मिलकर काम करना है, लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के जरिए मॉडर्नाइजेशन तेज करना, इसके साथ ही ह्यूमन रिसोर्स सिस्टम में सुधार करना, हमारे सिस्टम प्रोसेस को लगातार बेहतर बनाना, एफिशिएंसी और रिस्पॉन्सिवनेस बढ़ाने पर कार्य कर रही है। इनमें भी बदलाव में लगी हुई।

- अर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि- मैं 1.3 करोड़ सैनिकों, पूर्व सैनिकों और परिवारों के समुदाय का नेतृत्व कर रहा हूं। यानी भारत की एक प्रतिशत आबादी। कॉर्पोरेट दुनिया कुछ सौ रिज्यूम संभालती है। हम लाखों जिंदगियों संभालते हैं, जो एक आदेश पर गोलियों की बौछार में जाने को तैयार होती है।

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