अरुण जेटली ने कांग्रेस से कहा, सेना को राजनीतिक बहस में नहीं घसीटे
जेटली ने एक ब्लॉग में लिखा, ‘‘देश पर कई दशकों तक शासन करने के बाद भी बेहद पुरानी पार्टी को परिपक्व होने की जरूरत है। वायुसेना को राजनीतिक बहस में क्यों घसीटना?’’
नयी दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कांग्रेस को परिपक्व बनने की सलाह देते हुए कहा कि सैन्यबलों को राजनीतिक बहसों में नहीं घसीटा जाना चाहिये। जेटली का यह बयान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम. वीरप्पा मोइली द्वारा वायुसेना प्रमुख बी.एस.धनोआ पर झूठ बोलने का आरोप लगाने के एक दिन बाद आया है। धनोआ ने राफेल सौदे को ‘पासा पलटने वाला’ सौदा बताते हुए इस बारे में उच्चतम न्यायालय के फैसले को बेहद उचित बताया था। जेटली ने एक ब्लॉग में लिखा, ‘‘देश पर कई दशकों तक शासन करने के बाद भी बेहद पुरानी पार्टी को परिपक्व होने की जरूरत है। वायुसेना को राजनीतिक बहस में क्यों घसीटना?’’
The Congress Speaks Without Thinking https://t.co/hpXvEuOZ4T
— Arun Jaitley (@arunjaitley) December 21, 2018
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रवक्ता वायुसेना प्रमुख द्वारा राफेल को सामरिक क्षमता बढ़ाने के लिये जरूरी बताने को लेकर उनके ऊपर हमला कर रहे हैं। जेटली ने कहा, ‘‘इस मामले में भारतीय वायुसेना और इसके प्रमुख ही टिप्पणी करने के लिये सर्वाधिक योग्य हैं।’’ उन्होंने कहा, राफेल का चयन करने में वायुसेना तब भी शामिल थी जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रगत्र की सरकार थी और तब भी शामिल है जब राजग की सरकार है। उन्होंने कहा कि हमारी सेनाओं की सामरिक ताकत को बनाये रखने के लिये यह विमान अपने औजारों के साथ बेहद जरूरी है।
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जेटली ने कहा, ‘‘दक्षता तथा कीमत दोनों लिहाज से छांटने पर 2012 में राफेल को सर्वाधिक उपयुक्त विमान चुना गया था। कांग्रेस नेताओं द्वारा अब इसके खिलाफ बयानबाजी करना विश्वसनीयता में कमी को दर्शाता है।’’उन्होंने कहा, इसके साथ ही सेना की किसी इकाई के प्रमुख को राजनीतिक बहस में निशाने पर लेकर कांग्रेस पार्टी ने भारतीय राजनीति के बेहद पुराने अलिखित नियम को भी तोड़ दिया है। केद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हम अपनी सेनाओं को राजनीतिक बहस से अलग रखते हैं। हमारी फौज पेशेवर है और असैन्य प्राधिकरण के समक्ष जवाबदेह है। हमारे पश्चिमी भागीदारों से इतर यह गैर-राजनीतिक है और वाद से परे है। हम इस देश की सफलता से रक्षा करने के लिये अपनी सेना के ऋणी हैं।’’
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