जब तक मोदी PM हैं, कोई कंपनी किसानों से जमीन नहीं छीन सकती: अमित शाह
राष्ट्रीय राजधानी के किशनगढ़ गांव में लोगों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि अगर किसान संगठन यह सोचते हैं कि नए कृषि कानूनों का कोई भी प्रावधान उनके हितों के खिलाफ है तो केंद्र सरकार इसपर चर्चा करने और खुले मन से विचार करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि विपक्ष कृषि कानूनों पर बेवजह होहल्ला मचा रहा है।
शाह ने कहा कि संप्रग नेताओं को एमएसपी के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि फसलों की लागत पर डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य की किसानों की मांग को पूरा करने के लिए उनके द्वारा कुछ भी नहीं किया गया था और यह मोदी सरकार द्वारा लागू किया गया। शाह ने यह दिखाने के लिए कृषि क्षेत्र में सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों को रेखांकित किया कि किस तरह से उसने किसानों के कल्याण को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि ‘‘राहुल बाबा’’ सहित विपक्षी नेताओं ने किसानों के लिए कर्ज माफी की मांग की जब मोदी सरकार ने किसान सम्मान योजना शुरू की। उन्होंने कहा, ‘‘संप्रग सरकार के दस वर्षों में 60,000 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ किए गए थे, जबकि मोदी सरकार ने ढाई साल में दस करोड़ किसानों के खातों में 95,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए और अब 18,000 करोड़ रुपये बिना किसी बिचौलिए के हस्तांतरित किये जा रहे हैं।’’ शाह ने कहा, ‘‘मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूं जो किसानों के हित के बारे में बात करते हैं कि जब वे सत्ता में थे तब उन्होंने क्या किया था? 2009 से 2014 के बीच 3.74 लाख करोड़ रुपये के गेहूं और धान की खरीद हुई थी, जबकि मोदी सरकार ने 2014-19 में इसे बढ़ाकर 8.22 लाख करोड़ रुपये किया।’’ उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राकांपा प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि किसानों की बात कौन कर रहा है? 2013-14 में किसानों के लिए क्या बजट था जब संप्रग और कांग्रेस सत्ता में थी। यह 21,900 करोड़ रुपये था। मोदी सरकार ने पिछले बजट में इसे बढ़ाकर 1.34 लाख करोड़ रुपये कर दिया।’’आज दिल्ली के किशनगढ़ गाँव (महरौली) में किसान भाइयों के साथ प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के किसान संबोधन को सुना। यहाँ सभी किसानों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ मोदी सरकार द्वारा किये गए सभी किसान कल्याण नीतियों व कृषि सुधारों में अपना विश्वास व्यक्त किया। #PMKisan pic.twitter.com/JRZuXzoQPe
— Amit Shah (@AmitShah) December 25, 2020
शाह ने कहा कि मोदी द्वारा लाए गए कृषि सुधार के बारे में कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन के दौरान 2001 में शंकरलाल गुरु समिति और मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने उल्लेख किया था। गृह मंत्री ने विपक्ष पर मंडियों के बारे में भी झूठ फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘मंडियां भी जारी रहेंगी। वे झूठ फैला रहे हैं कि मंडियां बंद हो जाएंगी। मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि कौन सा प्रावधान उन्हें बताता है कि मंडियां बंद हो जाएंगी? यदि वे इस पर चर्चा चाहते हैं, तो मैं रमेश बिधूड़ी (दक्षिण दिल्ली से भाजपा सांसद) को उन्हें यह बताने के लिए भेज सकता हूं कि मंडियां बंद नहीं की जाएंगी।’’ जब शाह ने बिधूड़ी का नाम लिया तो बिधूड़ी भी वहां मौजूद थे और इस पर वहां मौजूद लोगों तालियां बजायीं। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता अब ‘‘झूठ फैला रहे हैं’’ क्योंकि देश की जनता ने उन्हें छोड़ दिया है और मोदी को अपने दिल में जगह दी है। गृह मंत्री शाह ने किसान सम्मान निधि कार्यक्रम में शिरकत की और किशनगढ़ गांव स्थित गोशाला में कई राज्यों के किसानों के साथ प्रधानमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई बातचीत को भी सुना।कार्यक्रम में शाह के साथ भाजपा के कई नेता शामिल हुए।
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