अटल बिहारी वाजपेयी ने पाक से रिश्तें मजबूत करने के लिए चलायी थी सदा-ए-सरहद

atal-bihari-vajpayee-s-delhi-lahore-bus-officially-known-as-sada-e-sarhad
रेनू तिवारी । Aug 16 2018 12:04PM

अटल बिहारी वाजपेयी को यूं ही भारतीय राजनीति का अजातशत्रु नहीं कहा जाता। उन्होंने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से व्यापक स्वीकार्यता और यह सम्मान अर्जित किया।

अटल बिहारी वाजपेयी को यूं ही भारतीय राजनीति का अजातशत्रु नहीं कहा जाता। उन्होंने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से व्यापक स्वीकार्यता और यह सम्मान अर्जित किया। वाजपेयी को सांस्कृतिक समभाव, उदारवाद और राजनीतिक तर्कसंगतता के लिए जाना जाता है। अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री पद संभालते ही दिल्ली-लाहौर बस सेवा शुरू करके पाकिस्तान के साथ शांति संबंध स्थापित करने का संदेश दिया था। दिल्ली-लाहौर बस, जिसे आधिकारिक तौर पर सदा-ए-सरहद के नाम से जाना जाता है। भारत-पाकिस्‍तान के संबंध मजबूत करने के लिए यह बस 19 फरवरी 1999 को तत्‍कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शुरू करवाई थी। इसे भारत की ओर से दिल्‍ली ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन और पाकिस्‍तान की ओर से पाकिस्‍तान टूरिज्‍म डेवलपमेंट कारपोरेशन इसका संचालन करता है। यह बस अमृतसर, करतारपुर, कुरुक्षेत्र, सरहिंद रुकते हुए वाघा पहुंचती है।

देशों बीच विवाद बढ़ता रहा उसका असर इस बसे सेवा पर भी पड़ता रहा

जब 1999 में सरकार बनने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी दो दिवसीय (19-20फरवरी) दौरे पर पाकिस्तान गए थे। तब उन्होंने दिल्ली-लाहौर बस सेवा शुरू करते हुए बस में लाहौर यात्रा की थी। भारत-पाकिस्तान सीमा पर वाघा में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने वाजपेयी का स्वागत किया था। इस दौरान दोनों देशों के बीच लाहौर घोषणापत्र नामक द्विपक्षीय समझौता भी हुआ था, लेकिन कुछ महीने बाद ही पाकिस्तानी घुसपैठ के कारण भारत ने करगिल युद्ध लड़ा था। भारत के पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ये कदम उठा कर पाकिस्तान को मित्रता का संदेश जरूर दिया था लेकिन पाक तो अपनी आदत से कभी बाज नहीं आता आपको बता दें की जैसे जैसे दोनों देशों बीच विवाद बढ़ता रहा उसका असर इस बसे सेवा पर भी पड़ता रहा।

आइये जानते हैं एनडीए नेता अटल बिहारी वाजपेयी की दिल्ली-लाहौर बस सेवा के बारे में - 

दिल्ली-लाहौर बस सेवा के बहुत सख्‍त हैं नियम

दिल्‍ली-लाहौर बस सेवा दिल्‍ली के अंबेडकर टर्मिनल से  हफ्ते में छह दिन चलती है। रविवार को दोनों तरफ से सेवा बंद रहती है।ये बस दिल्‍ली से सुबह 6 बजे बस चलती है और लाहौर से शाम को 6 बजे बस यहां पहुंचती है। टिकट बुकिंग के समय यात्रियों को पासपोर्ट तथा वीजा के मूल दस्‍तावेज दिखाना व फोटो कॉपी देना जरूरी होता है। यात्रियों को इसमें यात्रा करने के लिए बस चलने से दो घंटा पहले यानी सुबह 4 बजे टर्मिनल पर रिपोर्ट करना होता है। यात्री को अपने साथ अधिकतम 20 किलो और आधे टिकट पर 10 किलो वजन तक का सामान निशुल्‍क ले जाने की अनुमति होती है। इसके बाद हर किलो पर 60 रुपये अतिरिक्‍त लगते हैं। हालांकि बस में जगह नहीं होने पर सामान नहीं ले जा सकते। गाड़ी चलने से 72 घंटे पहले टिकट कैंसिल करवाने पर 25 फीसदी और 72 घंटे से कम और 24 घंटे से पहले 50 फीसदी कटौती होती है। 24 घंटे से कम समय रहने पर टिकट का पैसा वापस नहीं किया जाता।

भारतीय संसद पर 13 दिसंबर 2001 में हुए हमले के बाद यह सेवा बंद कर दी गई थी

भारत-पाकिस्‍तान के तल्‍ख रिश्‍तों का असर दोनों देशों के बीच चलने वाली बस सेवा ‘सदा-ए-सरहदʼ पर भी पड़ा है। भारतीय संसद पर 13 दिसंबर 2001 में हुए हमले के बाद यह सेवा बंद कर दी गई थी।

पाकिस्तान-भारत दोस्ती बस सेवा वाघा सीमा तक सीमित 

दिल्ली और लाहौर के बीच पाक-भारत दोस्ती बस सेवा शुरू होने के बाद से पहली बार पाकिस्तान ने व्यापक ‘आतंकी खतरे’ का हवाला देते हुए इसका प्रवेश यहां और ननकाना साहिब शहर तक सीमित कर दिया था। पाकिस्तान पर्यटन विकास निगम (पीटीडीसी) ने कहा था कि पाक-भारत दोस्ती बस सेवा अब केवल वाघा सीमा तक संचालित होगी। नई दिल्ली और अमृतसर के लिए जाने वाले यात्रियों को वाघा से बस पकड़नी होगी। इसी तरह, सीमा पार से इस सेवा के जरिये यहां पहुंचने वाले यात्रियों को वाघा सीमा पर ही उतरना होगा। 

सदा-ए-सरहद अब लाहौर तक नहीं जाती बस

सुरक्षा कारणों से अब यह बस लाहौर तक नहीं जाती, इसलिए भी इसके यात्री कम हुए हैं। अब यह बाघा क्षेत्र में ही रुक जाती है। पाकिस्‍तान से आने वाली बस लाहौर से आती है।

पुलिस की दो जिप्‍सियां सदा-ए-सरहद के साथ होती हैं

बस चाहे खाली जाए या फिर उसमें एक-दो यात्री जाएं उसे दिल्‍ली से लेकर वाघा बॉर्डर तक पुलिस की दो जिप्‍सियां सुरक्षा प्रदान करती हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़