रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद केस की सुनवाई में आज की प्रमुख बातें
रामलला के वकील ने कहा कि जन्मस्थान को लेकर सटीक स्थान की आवश्यकता नहीं है, लेकिन आसपास के क्षेत्रों में भी इसका मतलब हो सकता है। उन्होंने कहा कि हिंदू और मुस्लिम पक्ष दोनों ही विवादित क्षेत्र को जन्मस्थान कहते हैं। इसलिए इसमें कोई विवाद नहीं है कि ये भगवान राम का जन्मस्थान है।
अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में तीसरे दिन सुनवाई जारी है। मध्यस्थता की पहल असफल होने के बाद 6 अगस्त से रोजाना सुनवाई हो रही है। पहले और दूसरे दिन सर्वोच्च अदालत में निर्मोही अखाड़ा और रामलला के वकीलों ने अपने दलील रखी थी। आज राम लला की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता के परासरन ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष दलीलें पेश करनी शुरू कीं।
Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land dispute case: Senior advocate K Parasaran, lawyer for 'Ram Lalla Virajman', says in Supreme Court ‘Janmasthan’ need not be the exact spot but can also mean the surrounding areas. The whole area is the 'Janmasthan'. pic.twitter.com/BgMTotBGTy
— ANI (@ANI) August 8, 2019
वकील परासरण ने राम मंदिर के निर्माण को हिंदुओं की भावनाओं से जुड़ा मसला बताते हुए कहा कि अदालत को इस पर फैसला लेना चाहिए। इस दौरान रामलला के वकील ने वाल्मीकि रामायण, महाभारत, पुराण समेत पौराणिक तथ्यों का जिक्र किया। रामलला के वकील ने कहा कि जन्मस्थान को लेकर सटीक स्थान की आवश्यकता नहीं है, लेकिन आसपास के क्षेत्रों में भी इसका मतलब हो सकता है। उन्होंने कहा कि हिंदू और मुस्लिम पक्ष दोनों ही विवादित क्षेत्र को जन्मस्थान कहते हैं। इसलिए इसमें कोई विवाद नहीं है कि ये भगवान राम का जन्मस्थान है। इसके बाद पीठ ने परासरन से कहा कि दूसरे बिन्दुओं पर अपनी बहस आगे बढ़ायें। परासरन ने आरोप लगाया कि ‘राम लला विराजमान’ की मूर्ति को उस समय पक्षकार नहीं बनाया गया जब मजिस्ट्रेट ने विवादित स्थल को कुर्क किया और जब दीवानी अदालत ने इस मामले में रिसीवर नियुक्त करके निषेधात्मक आदेश दिया था। जन्म स्थान के महत्व को इंगित करते हुये परासरन ने संस्कृत के श्लोक ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरियसी’ का वाचन किया और कहा कि जन्म स्थान स्वर्ग से भी महान है।
Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land dispute case: Senior advocate K Parasaran, lawyer for 'Ram Lalla Virajman', also says in Supreme Court, 'There is no dispute that it is the 'Janmasthan' of Lord Ram. Both Hindu and Muslim side calls disputed area Janmasthan.' https://t.co/mKJh1yEmqf
— ANI (@ANI) August 8, 2019
रामलला के वकील के. परासरण ने कहा कि देवता की उपस्थिति एक न्यायिक व्यक्ति होने के परीक्षण की एकमात्र कसौटी नहीं है। उन्होंने बताया कि नदियों की पूजा की जाती है, ऋग्वेद के अनुसार सूर्य एक देवता है। सूर्य एक मूर्ति नहीं है, लेकिन वह सर्वकालिक देवता हैं। इसलिए हम कह सकते हैं कि सूर्य एक न्यायिक व्यक्ति हैं। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को भी राम मंदिर मामले की सुनवाई होगी. परंपरा के मुताबिक, रोजाना सुनवाई के तहत मंगल-बुध-गुरुवार को ही सुनवाई होती है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर शुक्रवार के काम की जो लिस्ट है उसमें रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की सुनवाई मेंशन है।
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इस पर जस्टिस भूषण ने पूछा कि क्या जन्मस्थान को व्यक्ति माना जा सकता है, जिस तरह उत्तराखंड की हाईकोर्ट ने गंगा को व्यक्ति माना था। जिसके जवाब में रामलाल के वकील ने कहा कि हां, रामजन्मभूमि व्यक्ति हो सकता है और रामलला भी। क्योंकि वो एक मूर्ति नहीं, बल्कि एक देवता हैं। हम उन्हें सजीव मानते हैं।
Ayodhya land dispute:SC to K Parasaran,lawyer for Ram Lalla Virajman 'Can Jamnasthan be a juridical person? Idol can be a juristical person but can a place or Janmasthan be one?' Lawyer K Parasaran says 'Presence of an idol isn't the only test for determination of a legal person' pic.twitter.com/XeoNP8XImc
— ANI (@ANI) August 8, 2019
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