राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद केस की सुनवाई में आज की प्रमुख बातें
पहले और दूसरे दिन सर्वोच्च अदालत में निर्मोही अखाड़ा और रामलला के वकीलों ने अपने दलील रखी थी। जबकि तीसरे दिन राम लला की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता के परासरन ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष दलीलें पेश करनी शुरू कीं।रामलला के वकील के. परासरण ने कहा कि देवता की उपस्थिति एक न्यायिक व्यक्ति होने के परीक्षण की एकमात्र कसौटी नहीं है।
अयोध्या केस की सुनवाई शुक्रवार को भी सुप्रीम कोर्ट में शुरू हो गई है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने अब सप्ताह में तीन दिन सुनवाई की बजाय 5 दिन केस को सुनने का फैसला लिया है। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब संवैधानिक बेंच किसी केस की सप्ताह में 5 दिन सुनवाई कर रहा है। परंपरा के मुताबिक संवैधानिक बेंच सप्ताह में तीन दिन मंगलवार, बुधवार एवं गुरुवार को सुनवाई करती है। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की हर वर्किंग डे पर सुनवाई की बात कही है। चौथे दिन मुस्लिम पक्षकारों में से एक की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने हफ्ते में 5 दिन सुनवाई का किया विरोध किया। सीनियर एडवोकेट आर धवन का कहना है कि अगर हफ्ते में 5 दिन सुनवाई होती है तो यह अमानवीय है और हम अदालत की सहायता नहीं कर पाएंगे। सुनवाई के माध्यम से नहीं पहुँचा जा सकता और मुझे यह केस छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उच्चतम न्यायालय ने धवन से कहा कि हमने आपकी दलीलों पर गौर किया है और जल्द से जल्द आपको जवाब देंगे।
Ayodhya land case: Hearing in the case has started in Supreme Court. It is the 4th day of the day-to-day hearing in the case. pic.twitter.com/QsB9UOiizX
— ANI (@ANI) August 9, 2019
राम लला विराजमान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के परासरन ने अब इस मामले में आगे दलीलें पेश कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने बृहस्पतिवार को परासरन से सवाल किया था कि जब देवता स्वंय इस मामले में पक्षकार हैं तो फिर ‘जन्मस्थान’ इस मामले में वादकार के रूप में कानूनी व्यक्ति के तौर पर कैसे दावा कर सकता है। रामलला की तरफ से वकील के. परासरण ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदू धर्म में स्वरूप जरूरी नहीं है। जन्मभूमि की पूजा तब भी की जाती थी, जब वहां पर कोई आकार नहीं था। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष लगातार अदालत में गलत दावा नहीं कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद केस की सुनवाई में आज की प्रमुख बातें
Babri Masjid- Ram Janmabhoomi land dispute case: SC rejecting submissions of senior advocate Dr Rajiv Dhavan representing one of the Muslim parties, seeking a direction that hearing should not be for five days. SC says, "Hearing in the case to be 5 days, from Monday to Friday." pic.twitter.com/XAryLG2cIG
— ANI (@ANI) August 9, 2019
रामलला के वकील के. परासरण ने कहा कि ये मामला दशकों से लटका हुआ है, इसलिए इसका समाधान होना चाहिए। पुरातत्व विभाग के सबूत दिखाते हैं कि मस्जिद से पहले भी उस स्थान पर कुछ निर्माण था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह इस मामले की रोजाना सुनवाई जारी रखेगा। जब राजीव धवन की बारी आएगी और उन्हें छुट्टी की जरूरत होगी तो उन्हें ब्रेक दिया जाएगा।
इसे भी पढ़ें: अयोध्या मामला: SC में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई शुरू
पहले और दूसरे दिन सर्वोच्च अदालत में निर्मोही अखाड़ा और रामलला के वकीलों ने अपने दलील रखी थी। जबकि तीसरे दिन राम लला की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता के परासरन ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष दलीलें पेश करनी शुरू कीं।रामलला के वकील के. परासरण ने कहा कि देवता की उपस्थिति एक न्यायिक व्यक्ति होने के परीक्षण की एकमात्र कसौटी नहीं है।
इसे भी पढ़ें: रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद केस की सुनवाई में आज की प्रमुख बातें
Ayodhya land dispute: Sr advocate R Dhavan says 'If the hearing is 5-days a week then it's inhuman&we won't be able to assist the court. Hearing can’t be rushed through. I'll be forced to leave this case.' CJI Ranjan Gogoi says 'we have heard your grievance,we'll inform you soon'
— ANI (@ANI) August 9, 2019
उन्होंने बताया कि नदियों की पूजा की जाती है, ऋग्वेद के अनुसार सूर्य एक देवता है। सूर्य एक मूर्ति नहीं है, लेकिन वह सर्वकालिक देवता हैं। इसलिए हम कह सकते हैं कि सूर्य एक न्यायिक व्यक्ति हैं। इस पर जस्टिस भूषण ने पूछा कि क्या जन्मस्थान को व्यक्ति माना जा सकता है, जिस तरह उत्तराखंड की हाईकोर्ट ने गंगा को व्यक्ति माना था। जिसके जवाब में रामलाल के वकील ने कहा कि हां, रामजन्मभूमि व्यक्ति हो सकता है और रामलला भी। क्योंकि वो एक मूर्ति नहीं, बल्कि एक देवता हैं। हम उन्हें सजीव मानते हैं।
Ayodhya land dispute case: Senior advocate Rajeev Dhavan, appearing for one of the Muslim parties, tells the court that there is a rumour that the court will sit all five days to hear the case. He raises objection to five days hearing. https://t.co/jHfki4q7ub
— ANI (@ANI) August 9, 2019
अन्य न्यूज़