बेटे अब्दुल्ला का किला भी नहीं बचा सके आजम खान, हिंदू कैंडिडेट देने के बाद भी स्वार में NDA उम्मीदवार की जीत

स्वार में समाजवादी पार्टी ने बड़ा दांव खेलते हुए हिंदू उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा था। बावजूद इसके समाजवादी पार्टी का यह दांव विफल रहा। स्वार की जनता ने अपना दल एस के उम्मीदवार को वोट दिया।
ऐसा लगता है कि समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के लिए कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है। रामपुर की स्वार टांडा सीट पर हुए विधानसभा के उपचुनाव में सफीक अंसारी जीत गए हैं। सफीक अंसारी भाजपा गठबंधन में शामिल अपना दल के उम्मीदवार थे। उन्होंने समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार अनुराधा चौहान को 9334 वोटों से हराया है। इस जीत के साथ ही भाजपा गठबंधन ने आजम खान के इस मजबूत किले को ध्वस्त कर दिया है। रामपुर को आजम खान का गढ़ कहा जाता था। हालांकि, पहले तो रामपुर आजम खान के हाथ से निकल गया। अब स्वार सीट से भी आजम खान को बड़ा झटका लगा है।
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स्वार में समाजवादी पार्टी ने बड़ा दांव खेलते हुए हिंदू उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा था। बावजूद इसके समाजवादी पार्टी का यह दांव विफल रहा। स्वार की जनता ने अपना दल एस के उम्मीदवार को वोट दिया। अपना दल एस की अनुप्रिया पटेल केंद्र के मोदी सरकार में मंत्री भी है। फिलहाल वह एनडीए गठबंधन की हिस्सा हैं। ऐसे में यह सीट अपना दल के खाते में आया था। दरअसल, 2022 में हुए चुनाव में यहां से आजम खान के बेटे अब्दुल्ला को जीत मिली थी। अब्दुल्ला को एक मामले में 2 साल की सजा हुई। इसके बाद उनकी विधायकी खत्म हुई। स्वार सीट खाली होने के बाद यहां उपचुनाव हुए थे।
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आजम खान के लिए अब रामपुर में ऐसा लगता है कि कुछ नहीं बचा है। रामपुर में जीवन भर उन्होंने अपनी राजनीति की। आज वही रामपुर उनके विरोधियों को जीताता दिखाई दे रहा है। लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में यहां से बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रही। वहीं, रामपुर विधानसभा सीट पर भी भाजपा के आकाश सक्सेना ने जीत हासिल की थी। इधर, आजम खान लगातार कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं।
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