चुनाव से पहले किसान संगठन फिर बढ़ाएंगे भाजपा की मुश्किलें, 31 जनवरी को मनाया जाएगा विश्वासघात दिवस

भले ही कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया है। लेकिन भाजपा के लिए मुश्किलें अभी भी कम नहीं हो रही है। पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनाव में किसानों की नाराजगी भी भाजपा को झेलनी पड़ रही है। इन सब के बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर से भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए 31 जनवरी को देशभर में विश्वासघात दिवस मनाने का ऐलान किया है। जानकारी के मुताबिक जिला और ब्लॉक स्तर पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस विरोध प्रदर्शन में किसान मोर्चे से जुड़े सभी किसान संघ शामिल होंगे। विश्वासघात दिवस को कम से कम 500 जिलों में आयोजित करने का भी प्लान रखा गया है।
इसे भी पढ़ें: Munawwar Rana Attack on Yogi | शायर मुनव्वर राणा बोले: UP में फिर बनी योगी सरकार तो कर लूंगा पलायन
विश्वासघात दिवस से संयुक्त किसान मोर्चा चुनावी मौसम में एक बार फिर से कृषि कानूनों को लेकर किसानों के संघर्ष को जिंदा रखना चाहता है। विरोध प्रदर्शन के साथ ही 31 जनवरी को केंद्र सरकार को एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। 31 जनवरी को होने वाले कार्यक्रमों को लेकर समीक्षा बैठक भी की गई है। किसानों का दावा है कि सरकार ने उनके साथ धोखा किया है। आपको बता दें कि कृषि कारणों को लेकर किसान संगठनों ने दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर 1 साल तक के विरोध प्रदर्शन किया था। सरकार ने किसानों की मांग पर सहमति जताई थी जिसके बाद यहां आंदोलन स्थगित हुआ था।
इसे भी पढ़ें: मेरठ में फिर बोला आरएलडी समर्थकों ने भाजपा प्रत्याशी पर हमला, की हाथापाई की कोशिश
बताया जा रहा है कि अगर सरकार संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों को पूरा करने में सफल नहीं होती है तो आंदोलन को फिर से शुरू किया जा सकता है। किसान संगठन लगातार एमएसपी को लेकर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही किसान आंदोलन में शहीद हुए लोगों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग की गई थी जिस पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। यही कारण है कि किसान संगठन विश्वासघात दिवस के माध्यम से सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।