'मुस्लिमों' को लेकर आपस में भिड़े Bengal BJP के नेता, Samik Bhattacharya और Suvendu Adhikari के मतभेद सामने आये

Samik Bhattacharya vSuvendu Adhikari
ANI

यह विवाद केवल दो नेताओं के बीच मतभेद नहीं, बल्कि भाजपा के भीतर एक गहरी रणनीतिक बहस को दर्शाता है। एक पक्ष (समिक भट्टाचार्य जैसा नेतृत्व) मानता है कि बंगाल जैसे राज्य में धार्मिक ध्रुवीकरण के बजाय समावेशी राजनीति अपनानी चाहिए ताकि पार्टी का दायरा बढ़े।

पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष बनते ही समिक भट्टाचार्य ने एक ऐसा बयान दे दिया है जिससे उनके और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गये हैं। हम आपको बता दें कि अध्यक्ष चुने जाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए समिक भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी को मुस्लिम समाज के साथ संवाद बढ़ाना चाहिए। उनके इस बयान से कुछ मिनट पहले ही वरिष्ठ भाजपा नेता और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि बंगाल में चुनौती गुंडागर्दी और मुसलमान हैं और कोई अन्य चुनौती नहीं है।

देखा जाये तो यह विवाद केवल दो नेताओं के बीच मतभेद नहीं, बल्कि भाजपा के भीतर एक गहरी रणनीतिक बहस को दर्शाता है। एक पक्ष (समिक भट्टाचार्य जैसा नेतृत्व) मानता है कि बंगाल जैसे राज्य में धार्मिक ध्रुवीकरण के बजाय समावेशी राजनीति अपनानी चाहिए ताकि पार्टी का दायरा बढ़े। वहीं दूसरा पक्ष (शुभेंदु अधिकारी जैसा नेतृत्व) कहता है कि भाजपा की पहचान उसकी हिंदुत्ववादी विचारधारा से है और इससे हटना आत्मघाती होगा।

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हम आपको बता दें कि बंगाल की 27% आबादी मुस्लिम है, जो कई सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाती है। बंगाल की राजनीति का एक सच यह है कि भाजपा अभी तक मुस्लिम वोट बैंक को नहीं साध पाई है और यह अधिकांशतः तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों और कांग्रेस के साथ रहा है। समिक भट्टाचार्य का प्रयास भाजपा को समावेशी दिखाने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जबकि शुभेंदु अधिकारी इस रणनीति को गलत मानते हैं। शुभेंदु अधिकारी पहले भी कई बार मुस्लिमों के विरोध में बयान दे चुके हैं। वह तो यहां तक कह चुके हैं कि सबका साथ सबका विकास नारे से कुछ हासिल नहीं होगा।

जहां तक समिक भट्टाचार्य के बयान की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने कहा कि भाजपा भारतीयों की पार्टी है, भाजपा की लड़ाई मज़हबी लड़ाई नहीं है, हमारी लड़ाई उन लोगों के खिलाफ है जो भारत में रहकर दूसरे देशों की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी अनुच्छेद 356 लगाकर किसी भी चुनी हुई सरकार को गिराने के पक्ष में नहीं है, TMC खुद ही धीरे-धीरे अपनी प्राकृतिक राजनीतिक मौत की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि समाज के हर वर्ग के लोग आएं, निवेशक आएं और पश्चिम बंगाल में निवेश करें। उन्होंने कहा कि इस जगह में प्राकृतिक संसाधन हैं, जल संसाधन हैं, हमें फिर से पुराने बंगाल में वापस आना है...हमारा लक्ष्य स्पष्ट है- 2026 का निर्वाचन, टीएमसी का विसर्जन।"

वहीं पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने भाजपा नेता समिक भट्टाचार्य के प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने पर कहा, "बहुत अच्छा चयन है।'' साथ ही उन्होंने कहा कि यहां चुनौती गुंडागर्दी और मुसलमान हैं और कोई अन्य चुनौती नहीं है।"

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