कार्रवाई से हो रही भूमाफिया के रहनुमाओं को परेशानी: योगी आदित्यनाथ

Yogi Adityanath

आज प्रदेश में एक संकल्प के साथ सरकार चल रही है। पहले गरीबों और व्यापारियों की जमीन पर माफिया कब्जा करते थे। आज जमीन माफियाओं की छातियों पर बुलडोजर चल रहे हैं तो अपराधी तो भाग रहे हैं लेकिन उनके रहनुमाओं को भी परेशानी हो रही है।

फर्रुखाबाद (उप्र)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भू-माफियाओं के खिलाफ अपनी सरकार की कार्रवाई को पूरी तरह जायज करार देते हुए आरोप लगाया कि जबरन कब्जा की गई गरीबों की जमीन को मुक्त कराए जाने से इन माफिया तत्वों के रहनुमाओं को परेशानी हो रही है। योगी ने रविवार को यहां ‘मुख्यमंत्री आरोग्य मेले’ का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा, ‘‘आज अगर किसी के अंदर डर समाया हुआ है तो वह उन अपराधियों, माफियाओं और गैंगेस्टरों में है, जिन्होंने समाज को लूटा है। प्रदेश के धन का बंदरबांट करने का प्रयास किया है। वे लोग आज भयभीत हैं। गले में तख्ती लटकाए घूम रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज प्रदेश में एक संकल्प के साथ सरकार चल रही है। पहले गरीबों और व्यापारियों की जमीन पर माफिया कब्जा करते थे। आज जमीन माफियाओं की छातियों पर बुलडोजर चल रहे हैं तो अपराधी तो भाग रहे हैं लेकिन उनके रहनुमाओं को भी परेशानी हो रही है।’’ योगी ने किसी का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘इन रहनुमाओं को तब परेशानी नहीं होती थी जब किसी गरीब, किसी व्यापारी या किसी आम आदमी की जमीन पर भूमाफिया या अपराधी कब्जा करते थे? उनको परेशानी तब हो रही है जब अपराधियों और माफियाओं से गरीबों और किसानों की संपत्तियों को मुक्त कराया जा रहा है।’’ मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘आज अपराधियों के रहनुमाओं के दिल में इस बात की छटपटाहट है कि उनके गुर्गों की छातियों पर सरकार का बुलडोजर चल रहा है। उन्हें डर है कि कहीं यह बुलडोजर उनकी और न घूम जाए।’’ हालांकि योगी ने अपने भाषण में किसी का नाम नहीं लिया लेकिन माना जा रहा है कि उनका इशारा सपा अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गत शुक्रवार को बांदा में दिए गए बयान की तरफ था। 

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अखिलेश ने बांदा में कहा था, ‘‘उत्तर प्रदेश में यह जो बिल्डिंग गिराने का सिलसिला चल रहा है। आखिर किस-किस का नक्शा पास है? पुराने लोग जितने हैं उनमें से किसी का नक्शा पास नहीं है। हमारे दादा परदादा ने जो घर बनाया, हम उसमें रह रहे हैं। उस समय तो नक्शा पास करने वाला कोई प्राधिकरण भी नहीं था।’’ उन्होंने सरकार पर तंज करते हुए कहा था, ‘‘इन मकानों को जब चाहे तब तोड़ दो। कितना गैरकानूनी बना होगा, यह आप से बेहतर कौन जानेगा। तो केवल एक, दो या तीन आदमियों को चिन्हित करके उनके मकान तोड़ना... अगर यही परंपरा चलेगी तो कल जब दूसरी सरकार आएगी तो चिन्हित करके बुलडोजर आपकी तरफ ले जाएगी। आज जो अधिकारी उनके लिए काम कर रहे हैं, वह कल सैल्यूट मार कर दूसरी सरकार के लिए काम करने लगेंगे।

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