मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि, सिर्फ 70 जिलों तक सिमटा माओवाद

security forces
अंकित सिंह । Aug 18 2021 11:55AM

हाल की बात करें तो 2 महीने पहले देश के 11 जिलों में 90 जिले माओवा की चपेट में थे। इन 2 महीनों में काफी सुधार हुआ है। इन जिलों का केंद्र ही सुरक्षा संबंधी खर्च वहन कर रहा था।

देश के कई हिस्से माओवाद के चपेट में रहे हैं। हालांकि इसे मोदी सरकार की उपलब्धि ही कही जाएगी कि पिछले 3 दशकों से देश के अलग-अलग हिस्सों में सक्रिय माओवाद का प्रभाव अब महज 70 जिलो तक सिमट कर रह गया है। यह 70 जिले अलग-अलग 10 राज्यों में स्थित हैं। गृह मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक माओवाद पर लगाम लगाने में मोदी सरकार कामयाब रही है। गृह मंत्रालय ने कहा कि उत्तर प्रदेश से माओवाद पूरी तरह से खत्म हो चुका है। जबकि बिहार, ओडिशा और झारखंड में काफी कमी आई है। इन 70 जिलों में से 25 जिले ऐसे हैं जो अधिक प्रभावित श्रेणी में रखे गए हैं। यह 25 जिले 8 राज्यों में स्थित हैं।

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हाल की बात करें तो 2 महीने पहले देश के 11 जिलों में 90 जिले माओवा की चपेट में थे। इन 2 महीनों में काफी सुधार हुआ है। इन जिलों का केंद्र ही सुरक्षा संबंधी खर्च वहन कर रहा था। माओवाद के घटते प्रभाव को देखते हुए गृह मंत्रालय ने ताजा रिपोर्ट तैयार की है। 10 राज्यों के 70 जिले एसआरआई योजना के अंतर्गत आते हैं। इसका मतलब यह है कि यहां का सुरक्षा संबंधित खर्च केंद्र की मदद से चलता रहेगा। इसी मदद के तहत माओवाद प्रभावित इलाकों में परिवहन, संचार जैसी सुविधा जुटाई जाती है। साथ ही साथ आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों की मदद की जाती है ताकि अपना नया जीवन शुरु कर सकें।

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ताजा रिपोर्ट के मुताबिक माओवादी घटनाओं में 45% तक की कमी आई है। माओवादियों के गढ़ में सुरक्षाबलों का कैंप लगातार चल रहा है। यह सुरक्षा बल स्थानीय लोगों की मदद तो करते ही हैं साथ ही साथ माओवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ते हैं। जो जिले माओवाद के प्रभाव से अलग हो रहे हैं उनमें विकास की रफ्तार तेज की जा रही है। वहां इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम बहुत तेजी से हो रहा है।

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