लक्ष्मी नगर से गिरफ्तार आतंकी के बड़े खुलासे, जम्मू बस स्टैंड ब्लास्ट के पीछे ISI का हाथ, हाई कोर्ट और पुलिस HQ की रेकी की

Big revelations of terrorist arrested from Laxmi Nagar
रेनू तिवारी । Oct 13 2021 12:55PM

आतंकी ने कहा कि 2011 के आसपास आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय (पुराने पुलिस मुख्यालय) की कई बार रेकी की, लेकिन ज्यादा जानकारी नहीं जुटा सका क्योंकि पुलिस ने लोगों को परिसर के बाहर रुकने नहीं दिया। इसके साथ ही उसने पाकिस्तान में अपने आकाओं को आईएसबीटी की जानकारी भी भेजी थी।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार को लक्ष्मी नगर से पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अशरफ को गिरफ्तार किया है जिसने पूछताछ में कई बड़े खुलासे किए हैं। आतंकवादी ने पुलिस को बताया कि उसका हाथ भारत में होने वाले कई धमाकों में था। उसने बताया कि 2009 के जम्मू बस स्टैंड विस्फोट के पीछे आईएसआई का हाथ था। उसने यह भी कहा कि 2011 में दिल्ली हाई कोर्ट के बाहर हुए ब्लास्ट से पहले उसने परिसर की रेकी की थी। आतंकी ने कहा कि 2011 के आसपास आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय (पुराने पुलिस मुख्यालय) की कई बार रेकी की, लेकिन ज्यादा जानकारी नहीं जुटा सका क्योंकि पुलिस ने लोगों को परिसर के बाहर रुकने नहीं दिया। इसके साथ ही उसने पाकिस्तान में अपने आकाओं को आईएसबीटी की जानकारी भी भेजी थी। 

2009 में जम्मू के बस स्टैंड पर हुए धमाके  

फिलहाल जांच एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं कि क्या वह दिल्ली में हुए किसी विस्फोट में शामिल था। अब तक की पूछताछ में पता चला है कि 2009 में जम्मू के बस स्टैंड पर धमाका हुआ था, जिसमें 3-4 लोगों की मौत हो गई थी, जिसे आईएसआई अधिकारी नासिर के इशारे पर अंजाम दिया गया था। अशरफ ने खुलासा किया कि 2011 में दिल्ली हाई कोर्ट ब्लास्ट को अंजाम देने के लिए दो पाकिस्तानी आए थे। उनमें से एक का नाम गुलाम सरवर था। उसने जम्मू-कश्मीर में सेना के 5 जवानों की नृशंस हत्या में शामिल होने की बात कबूल की। अधिकारियों द्वारा दावे की पुष्टि की जा रही है। अशरफ ने कहा कि आईएसआई अधिकारी नासिर के कहने पर वह कई बार जम्मू-कश्मीर में हथियार सप्लाई करने गया था। उसने आगे खुलासा किया कि वह हमेशा ई-मेल के जरिए आईएसआई अधिकारियों से संवाद करता था।

10 साल से फर्जी आईडी के साथ दिल्ली में रह रहा था आतंकी

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि उसने आईएसआई से संबंध रखने वाले और 10 साल से अधिक समय से भारत में रह रहे 40 वर्षीय एक पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार करके त्योहारों के समय में एक बहुत बड़ी आतंकवादी साजिश विफल कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल के रहने वाले मोहम्मद अशरफ उर्फ अली को पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मीनगर से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि संदेह है कि वह जम्मू कश्मीर एवं देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी हमलों में शामिल रह चुका है। पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ से खुलासा हुआ है कि अशरफ भारत में स्लीपर सेल के प्रमुख के रूप में काम कर रहा था और उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने त्योहारी सीजन में आतंकवादी हमला करने का जिम्मा सौंपा था। 

त्योहारी सीजन में थी आतंकी हमले की साजिश

पुलिस ने दावा किया कि पूछताछ मेंउससे मिली जानकारी के आधार पर यमुना पार इलाके में छापे मारे गये और उस दौरान एक ए. के. 47 राइफल, एक हथगोला, ए. के. 47 के दो मैगजीन, 60 गोलियां, दो चीनी पिस्तौल, फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्राप्त किये गये भारतीय पासपोर्ट और अन्य भारतीय पहचान पत्र बरामद किये गये। पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) प्रमोद सिंह कुशवाहा ने कहा, ‘‘अशरफ बांग्लादेश के रास्ते भारत आया था और वह एक दशक से अधिक समय से अली अहमद नूरी के नाम से देश में रह रहा था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सोमवार को सूचना मिली कि अशरफ लक्ष्मी नगर इलाके में ठहरा हुआ है, जिसके बाद लक्ष्मी नगर में एक टीम तैनात की गयी और उसने अशरफ को पकड़ लिया।’’ पुलिस ने कहा कि अशरफ की गिरफ्तारी से त्योहारी सीजन में संभावित आतंकवादी हमला टल गया है। 

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भारत में अशरफ स्लीपर सेल का सक्रिय हिस्सा 

अधिकारियों के अनुसार पुलिस को दो महीने पहले सक्रिय स्लीपर सेल के बारे में सूचना मिली थी। पुलिस ने पाया कि इस पाकिस्तानी नागरिक को भारत में आतंकवादी हमला करने का निर्देश दिया गया है और वह अपनी तैयारी के आखिरी पड़ाव में था। पुलिस ने कहा कि यह भी पता चला कि अशरफ स्लीपर सेल का सक्रिय हिस्सा है और उसने पिछले कई सालों में कई आतंकवादी हमले किये और जासूसी की। पुलिस ने कहा कि अशरफ भारतीय पहचान पत्र हासिल करने में कामयाब रहा। वह दिल्ली में अपने को मौलाना के रूप पेश कर रह रहा था। पुलिस के अनुसार, मामले की गहन छानबीन एवं किसी भी आतंकवादी हमले को रोकने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

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अशरफ की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने सीधी भर्ती की थी

पुलिस उपायुक्त ने कहा कि स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद अशरफ को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने सीधी भर्ती की थी और उसे छह महीने तक प्रशिक्षण दिया था। कुशवाहा ने कहा कि वह अली अहमद नूरी के फर्जी पहचानपत्र से भारत में रह रहा था। उसमें उसे दिल्ली के शास्त्री पार्क का निवासी दर्शाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि 2004 में अशरफ को सियालकोट में आईएसआई के उसके आका नासिर से प्रशिक्षण मिला और उसने उसे भारत में पाकिस्तान के वास्ते विध्वंसक गतिविधियां करने के लिए स्लीपर सेल के के रूप में काम करने के लिए प्रेरित किया। 

पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर पश्चिम बंगाल से भारत में दाखिल हुआ

पुलिस ने कहा कि प्रशिक्षण पूरा होने के बाद वह उसी साल पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से भारत में दाखिल हुआ। वह सिलीगुड़ी में कुछ महीने रहा और बाद में वह अजमेर चला गया जहां उसने एक स्थानीय मस्जिद के मौलवी से दोस्ती की। पुलिस के अनुसार अशरफ 2006 में उस मौलवी के साथ दिल्ली आया और पुरानी दिल्ली में उस मौलवी के एक रिश्तेदार की फैक्टरी में पहुंचा तथा वह फैक्टरियों के मजदूरों को नमाज पढ़ाने का काम करने लगा। पुलिस ने बताया कि वह उस मौलवी के दूसरे रिश्तेदारों से मिला और उसने उनका विश्वास जीत लिया। उसके बाद वह अपने पहचान पत्र के जरिए मनी ट्रांसफर से अपने आईएसआई आका से धन प्राप्त करने लगा। भारत में रहने के दौरान वह सोशल मीडिया के विभिन्न सुरक्षित संचार चैनलों के माध्यम से नासिर के संपर्क में बना रहा।

पाकिस्तान में रहते है आतंकी के आका

हाल ही उसे पाकिस्तानी हैंडलर ने त्योहारी सीजन के दौरान आतंकवादी हमला करने का जिम्मा सौंपा तथा उसके लिए पाकिस्तानी आका ने उसके वास्ते हथियार का इंतजाम किया। अधिकारियों के अनुसार, अशरफ नासिर को नियोजित आतंकवादी हमले की सूचना देता था। वह किसी एक जगह लंबे समय तक नहीं रहता था और उसने दस्तावेज हासिल करने के लिए यहां एक महिला से शादी भी की। वह भारत में दिल्ली, अजमेर, गाजियाबाद, जम्मू और उधमपुर में रहा। पुलिस के अनुसार उसने शादी के बाद बिहार में किसी गांव से अपनी पहचान स्थापित की। बाद में उसने दूसरे पतों पर पहचान पत्र बनवाये और उनके आधार पर उसने 2014 में पासपोर्ट बनवाया। उसने सउदी अरब और थाईलैंड की यात्रा की। (पहचान पत्र के अनुसार) उसका बिहार में स्थायी पता है और उसके अन्य पहचान पत्र पर अन्य पते हैं। इस बात की जांच की जा रही है कि कहीं उसका इरादा अकेले हमला करने का तो नहीं था।

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