बिहार के मुस्लिम मंत्री के मंदिर में प्रवेश का मामला, जदयू ने ध्रुवीकरण का आरोप लगाया

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बिहार में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दूसरे धर्म में आस्था रखने वाले राज्य के मंत्री को एक प्राचीन मंदिर में ले जाकर हिंदू संवेदनाओं को जानबूझकर आहत करने का आरोप लगाया। पसमांदा मुस्लिम समाज से आने वाले मंसूरी ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के साथ मंदिर के दर्शन का अवसर पाकर मैं खुद को धन्य महसूस कर रहा हूं।’’

पटना, 24 अगस्त। बिहार में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दूसरे धर्म में आस्था रखने वाले राज्य के मंत्री को एक प्राचीन मंदिर में ले जाकर हिंदू संवेदनाओं को जानबूझकर आहत करने का आरोप लगाया। इस मंदिर में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। कुमार ने सोमवार को गया के विष्णुपद मंदिर में पूजा अर्चना की थी, और उनके साथ राष्ट्रीय जनता दल के नेता एवं कैबिनेट मंत्री मोहम्मद इसराइल मंसूरी भी मौजूद थे। पसमांदा मुस्लिम समाज से आने वाले मंसूरी ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के साथ मंदिर के दर्शन का अवसर पाकर मैं खुद को धन्य महसूस कर रहा हूं।’’

मंसूरी के पास सूचना प्रौद्योगिकी विभाग है। परंपरा के अनुसार बिहार में मंत्रियों को जिलों के प्रभार दिए जाते हैं, जहां वे संबंधित कार्यक्रम समन्वय समिति के प्रमुख भी होते हैं। मंसूरी को गया का प्रभार दिया गया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि गया विष्णु पद मंदिर के गर्भगृह में किसी गैर-हिंदू को साथ ले जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिंदू धर्म का सुनियोजित अपमान किया है, इसके लिए उन्हें हिंदू श्रद्धालओं से क्षमा-याचना करनी चाहिए।

सुशील ने कहा कि विष्णु पद मंदिर में नीतीश कुमार पहले भी कई बार गए हैं और उन्हें पता है कि उसके गर्भगृह में केवल सनातन धर्म में आस्था रखने वालों को प्रवेश देने का नियम है। उन्होंने कहा कि वहां गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित होने की सूचना भी लिखी है। उन्होंने कहा कि सबकुछ जानते हुए भी मंदिर की मर्यादा भंग कर मुख्यमंत्री किसको खुश करना चाहते हैं। सुशील ने कहा कि भाजपा ने पैगम्बर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले पार्टी के विधायक या प्रवक्ता किसी को नहीं बख्शा, तुरंत कार्रवाई की लेकिन नीतीश कुमार ने गया मंदिर में प्रवेश करने वाले मंत्री इस्माइल मंसूरी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की।

बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा, ‘‘हम मुख्यमंत्री से सार्वजनिक माफी की मांग करते हैं। क्या वह मक्का के अंदर प्रवेश करने के बारे में सोच सकते हैं।’’ जायसवाल ने पूछा कि हिंदुओं को हमेशा सहिष्णुता के नाम पर अपनी धार्मिक संवेदनाओं को क्यों समायोजित करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मुख्यमंत्री माफी मांगने से इनकार करते हैं तो उन्हें राज्य विधानसभा सहित हर जगह भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पडेगा।’’ यह पूछे जाने पर कि मंदिर के पुजारी पीड़ा व्यक्त करने से हिचक रहे हैं, भाजपा नेता ने कहा, ‘‘एक आम आदमी ज्यादा कुछ नहीं कर सकता है जब मुख्यमंत्री हिंदू संवेदनाओं का जानबूझकर अपमान करने का इरादा रखते हैं।’’

मंदिर का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष और सचिव शंभू लाल विट्ठल और गजधर लाल पाठक ने कहा कि उन्हें मंसूरी के प्रवेश की जानकारी नहीं थी लेकिन उन्हें इससे बचना चाहिए था क्योंकि परिसर के बाहर एक नोटिस बोर्ड में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि केवल सनातन धर्म में विश्वास करने वाले को मंदिर के भीतर प्रवेश करने की अनुमति दी गई है। इस बीच उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से इस विवाद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी भाजपा (की बात) पर ध्यान नहीं देता है जो ‘‘बड़का झूठा पार्टी’’ है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के वरिष्ठ नेता और एक अन्य कैबिनेट मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, ‘‘यह भाजपा की मानसिकता है कि हिंदू और मुसलमान एक-दूसरे के पूजा स्थलों पर नहीं जाएं। हम मंदिरों और मजारों में एक ही भावना से जाते हैं।’’ यह बताये जाने पर कि विष्णुपद मंदिर के भीतर गैर-हिंदुओं का प्रवेश निषिद्ध है, चौधरी ने कहा, ‘‘मंसूरी जी को इस बारे में पता नहीं था। लेकिन यह ऐसा कुछ नहीं है जिस पर हंगामा किया जाना चाहिए।’’ जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि हमलोग संविधान में पूर्ण आस्था रखने वाले हैं और हमारे नेता नीतीश कुमार जी के सुशासन का आधार भी सभी धर्म के प्रति आदर एवं सम्मान करना ही है।

उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में सर्वधर्म समभाव के सिद्धांत पर आधारित धर्मनिरपेक्षता को विशेष महत्व प्रदान किया गया है। कुशवाहा ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार अंतःकरण की स्वतंत्रता है, अर्थात यदि किसी व्यक्ति को अपने धर्म के अलावा किसी अन्य धर्म के प्रति भी सम्मान है तो उन्हें धार्मिक स्थल पर आने जाने से रोका नहीं जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि जहां तक भाजपा द्वारा इन मामलों को तूल देने का प्रश्न है तो उनके पास ना कोई विकास का एजेंडा है और न ही वो बेरोजगारी एवं भूखमरी जैसे समस्याओं के समाधान के प्रति गंभीर हैं।

कुशवाहा ने आरोप लगाया कि भाजपा धार्मिक उन्माद उत्पन्न कर ध्रुवीकरण की राजनीति करती है। भाजपा इस मुद्दे के द्वारा संप्रदायिक सद्भाव के माहौल को बिगाड़ना चाहती है, परन्तु उसके इस झांसे में बिहार या भारत की जनता अब आने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि जनता इन्हें अच्छी तरह पहचान चुकी है और वो 2024 में इनकी सेवा समाप्ति की घोषणा भी करने वाली है क्योंकि भाजपा हिंदू धर्म की भी हितैषी नहीं है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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