भाजपा ने नीतीश पर ‘‘सांस्कृतिक पुलिसिंग’’ का आरोप लगाया

Nitish Kumar
प्रतिरूप फोटो
ANI

उन्होंने कहा कि अनामिका ने उत्तर प्रदेश में अपराधियों, देशविरोधी ताकतों और हर तरह के माफिया पर कानून के शासन का बुलडोजर चलाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति जनभावना को वाणी देने वाले कुछ गीत लिखे हैं, जिसे नीतीश कुमार का अहंकार बर्दाश्त नहीं कर सका।

बिहार भाजपा ने शनिवार को नीतीश कुमार सरकार पर अपनी राजनीतिक विचारधारा के विरोधियों को राज्य में मंच पर प्रदर्शन करने से रोककर ‘‘सांस्कृतिक पुलिसिंग’’करने का आरोप लगाया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि सोनपुर मेला में आमंत्रित कवियित्री अनामिका अम्बर को काव्य पाठ से रोक कर नीतीश सरकार ने दिनकर की धरती पर हिंदी कविता, स्त्री और अभिव्यक्ति की आजादी का जैसा तिहरा अपमान किया, उससे बिहार शर्मसार हुआ।

उन्होंने कहा कि अनामिका ने उत्तर प्रदेश में अपराधियों, देशविरोधी ताकतों और हर तरह के माफिया पर कानून के शासन का बुलडोजर चलाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति जनभावना को वाणी देने वाले कुछ गीत लिखे हैं, जिसे नीतीश कुमार का अहंकार बर्दाश्त नहीं कर सका। सुशील ने कहा कि 22 करोड़ की आबादी वाले बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में योगी जी कुशल शासन देकर दूसरी बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में लौटे हैं, ऐसे निर्वाचित मुख्यमंत्री के सम्मान में कविता लिखना क्या अपराध है। योगी की लोकप्रियता से नीतीश कुमार डर गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि तानाशाही के विरुद्ध लड़ने वाले जेपी आंदोलन से निकले नीतीश कुमार अब खुद तानाशाही पर उतर आए हैं।

सुशील ने कहा कि आपातकाल के दौरान कांग्रेस सरकार ने जनकवि नागार्जुन को जेल में डाला था। उसी कांग्रेस से हाथ मिलाने वाले नीतीश-लालू की सत्ता आज युवा कवियित्री को मंच से उतार रही है। उन्होंने कहा कि इस घटना का कलंक धोने के लिए भाजपा जल्द ही अनामिका अम्बर के काव्य पाठ का आयोजन कर उन्हें सम्मानित करेगी। इस साल अगस्त में बिहार में सत्ता गंवाने वाली भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने एक बयान में दावा किया कि उत्तर प्रदेश की एक कवि अनामिका जैन अंबर को प्रसिद्ध सोनपुर मेले में उनके छंदों को पढ़ने से ‘‘रोका’’ गया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार पर ‘‘सांस्कृतिक पुलिसिंग’’ का आरोप लगाया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आत्मकथाओं के लिए जानी जाने वाली अंबर द्वारा सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करने के बाद विवाद खड़ा हो गया जिसमें आरोप लगाया गया था कि कविता पाठ करने की उनकी अनुमति ‘‘प्रशासन द्वारा ग्यारहवें घंटे में वापस ले ली गई’’ थी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं रामधारी सिंह दिनकर की भूमि पर प्रस्तुति देने के अवसर से वंचित होने से बहुत दुखी हूं।’’

अंबर ने दावा किया कि उसने पटना हवाई अड्डे पर अपनी वापसी की उड़ान का इंतजार करते हुए उन्हें अनुमति देने से इनकार करने पर बोलते हुए खुद का एक वीडियो शूट किया था। उन्होंने दावा किया, ‘‘यहां तक कि जिला प्रशासन के अधिकारी भी अपमानित दिखे जब उन्होंने मुझे ऊपर से मुझे रोकने के आदेश के बारे में बताया।’’ बिहार में जन्मी नेहा सिंह राठौर, जो भोजपुरी में अपनी तीखी राजनीतिक सामग्री के साथ भाजपा पर प्रहार करती रहीं हैं, के साथ उनका हालिया विवाद सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।

भाजपा के इस आरोप का राज्य के कला और संस्कृति मंत्री जितेंद्र कुमार राय ने खंडन करते हुए कहा कि मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वालों में अंबर का नाम कभी नहीं आया था। राय ने कवि और उनके भाजपा समर्थकों पर ‘‘झूठ’’ का सहारा लेने का आरोप लगाते हुए विवाद पर भड़ास निकाली। 10 नवंबर को शुरू होने वाले और 5 दिसंबर को समाप्त होने वाले सोनपुर मेले में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सूची पेश करते हुए उन्होंने पूछा कि उक्त सूची में उस कवियत्रि का कहां है। मंत्री ने जोर देकर कहा कि यह एक राजकीय मेला है और हालांकि आगंतुकों के रूप में सभी का स्वागत है लेकिन ऐसा नहीं हो सकता है कि मंच पर प्रदर्शन करने की इच्छा व्यक्त करने वाले का मनोरंजन किया जा सके।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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