टिकट नहीं मिलने से नाराज सांसद अहलावत बोलीं- भाजपा ने अनदेखी की
राजस्थान से एकमात्र महिला सांसद संतोष अहलावत ने भाजपा द्वारा इस बार उन्हें झुंझुनू सीट से प्रत्याशी नहीं बनाए जाने पर नाराजगी जताई है।
जयपुर। राजस्थान से एकमात्र महिला सांसद संतोष अहलावत ने भाजपा द्वारा इस बार उन्हें झुंझुनू सीट से प्रत्याशी नहीं बनाए जाने पर नाराजगी जताई है। अहलावत ने आरोप लगाया है कि अपने इलाके व पार्टी के लिए किए गए काम के बावजूद उनकी अनदेखी की गयी है। उल्लेखनीय है कि अहलावत झुंझुनू सीट से भाजपा की मौजूदा सांसद हैं। वे राज्य के 25 सांसदों में से एकमात्र महिला हैं। भाजपा ने राज्य की 16 सीटों के लिए अपनी जो पहली सूची जारी की है उनमें अहलावत का नाम नहीं है। पार्टी ने उनकी जगह मंडावा से मौजूदा विधायक नरेंद्र खीचड़ को मौका दिया है।
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इस पर अहलावत ने कहा कि यह बहुत ही निराशाजनक है कि बीते पांच साल में अपने लोकसभा क्षेत्र, पार्टी व कार्यकर्ताओं के लिए किए गए काम के बावजूद मुझे टिकट नहीं दिया गया। मेरे कामों के चलते इलाके की जनता व पार्टी कार्यकर्ताओं का भारी समर्थन मेरे साथ था, इसके बावजूद मेरा नाम बिना कोई कारण हटा दिया गया। अपने मौजूदा कार्यकाल के दौरान करवाए गए विकास कार्यों का जिक्र करते हुए अहलावत ने कहा कि चार राजमार्गों का विकास, पासपोर्ट कार्यालय खुलवाने सहित कई बड़े काम उनके कार्यकाल में हुए। अहलावत के अनुसार उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में बड़ा योगदान किया और इसके लिए चार पुरस्कार भी उनके इलाके को मिले। अहलावत ने दावा किया कि उनके प्रयासों से झुंझुनू में लिंगानुपता सुधरकर 942 हो गया है जो छह साल पहले 642 था।
अहलावत ने कहा, ‘राज्य की मैं एकमात्र महिला सांसद हूं और मैंने अपने इलाके व लोगों के लिए काम किया। इसके बावजूद पार्टी ने मुझे दुबारा टिकट नहीं दिया। पार्टी कार्यकर्ताओं व समर्थकों में असंतोष है।’ इसके साथ ही अहलावत ने स्पष्ट किया कि अगर पार्टी उन्हें आधिकारिक उम्मीदवार नहीं बनाती है तो वह बागी होकर चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगी। उन्होंने कहा कि मैं पिछले 35 साल से पार्टी के लिए काम कर रही हूं। परंपरागत रूप से झुंझुनू कांग्रेस की सीट रही लेकिन 2014 में यहां भाजपा भारी मतों से जीती। मैंने लोकसभा में अनेक मुद्दे उठाए और विकास के अनेक काम यहां शुरू हुए। मैंने संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया।
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उल्लेखनीय है कि पिछले साल अहलावत की बेटी की शादी चर्चा में रही थी जब दुल्हन घोड़े पर सवार होकर विवाह स्थल पर पहुंची। अहलावत ने 2013 का विधानसभा चुनाव जीता था। पार्टी ने उन्हें 2014 में लोकसभा का प्रत्याशी बनाया और वह 2.33 लाख मतों के अंतर से जीतीं। अहलावत की नाराजगी पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘यह (अहलावत को टिकट नहीं देने का) फैसला पार्टी का है।’ राजस्थान में लोकसभा की कुल 25 सीटें हैं। राज्य में लोकसभा चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण में 29 अप्रैल को 13 सीटों व छह मई को 12 सीटों पर चुनाव होगा। तय कार्यक्रम के अनुसार टोंक सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा व झालावाड़ बारां सीट के लिए 29 अप्रैल को मतदान होगा। वहीं राज्य की गंगानगर, बीकानेर, झुंझुनू, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली धौलपुर, दौसा व नागौर सीट के लिए छह मई को मतदान होगा।
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