लोकसभा चुनाव में दीपेंद्र हुड्डा को शिकस्त देने वाले Arvind Sharma को बीजेपी ने Gohana सीट से दिया टिकट
अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने दो लिस्ट जारी कर दी हैं। जिसमें गोहाना सीट से पूर्व सांसद अरविंद कुमार शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा गया है। अरविंद कुमार शर्मा डेंटल सर्जन भी हैं। इसके साथ ही वे रोहतक से 17वीं लोकसभा में संसद सदस्य भी थे।
हरियाणा में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने दो लिस्ट जारी कर दी हैं। जिसमें गोहाना सीट से पूर्व सांसद अरविंद कुमार शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा गया है। अरविंद कुमार शर्मा डेंटल सर्जन भी हैं। इसके साथ ही वे रोहतक से 17वीं लोकसभा में संसद सदस्य भी थे। उन्होंने 15वीं लोकसभा में हरियाणा के करनाल निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे। लेकिन वे 2019 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।
अरविंद शर्मा का जन्म 25 नवंबर 1962 को हरियाणा के झज्जर जिले के एमपी माजरा गांव में पंडित सतगुरु दास शर्मा और बिमला देवी के घर हुआ था। उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय अहमदाबाद से डेंटल सर्जरी में स्नातक और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय , रोहतक से डेंटल सर्जरी में मास्टर की डिग्री हासिल की। शर्मा ने 9 नवंबर 1989 को रीता शर्मा से शादी की, जिनसे उन्हें एक बेटा और एक बेटी है। वे एक चिकित्सक, सामाजिक कार्यकर्ता और कृषक हैं। जनवरी 2014 में, उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छोड़ दी और बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए और उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया। वे यमुनानगर और जुलाना दोनों सीटों से हार गए और दोनों सीटों पर तीसरे स्थान पर खिसक गए।
जिसके बाद साल 2019 में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और 2019 के भारतीय आम चुनाव में रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा को 7,503 मतों के अंतर से हराया। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में वह हुड्डा से 345,298 मतों से हार गए थे। अपने अच्छे स्वभाव तथा स्पष्ट विवेक के कारण वे हरियाणा के सोनीपत तथा करनाल निर्वाचन क्षेत्रों से तीन बार चुनाव जीतने में सफल रहे तथा रिकॉर्ड अंतर से जीते। डॉ. अरविंद शर्मा एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए हैं जो किसी को भी हैरान कर सकते हैं। अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआती सफर में उन्होंने पहली बार सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ा और भारी अंतर से जीत हासिल की।
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