बंगाल और इसकी संस्कृति को बर्बाद करने का प्रयास कर रही है भाजपा : राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोनार बांग्ला (स्वर्णिम बंगाल) बनाने के भाजपा के दावे को धोखा करार देते हुए बुधवार को कहा कि भगवा पार्टी के पास नफरत, हिंसा और भाषा, धर्म, जाति तथा पंथ के आधार पर लोगों को बांटने के अलावा देने के लिये कुछ नहीं हैं।
ग्वालपोखोर (पश्चिम बंगाल)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोनार बांग्ला (स्वर्णिम बंगाल) बनाने के भाजपा के दावे को धोखा करार देते हुए बुधवार को कहा कि भगवा पार्टी के पास नफरत, हिंसा और भाषा, धर्म, जाति तथा पंथ के आधार पर लोगों को बांटने के अलावा देने के लिये कुछ नहीं हैं। बंगाल में अपनी पहली चुनावी रैली के दौरान गांधी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा और कहा कि उनकी पार्टी ने कभी टीएमसी की तरह भाजपा और आरएसएस से गठजोड़ नहीं किया। बनर्जी की पार्टी टीएमसी पहले भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा रह चुकी है। गांधी ने कहा, भाजपा बंगाल की संस्कृति और विरासत को मिटाना और इसे बांटना चाहती है।
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असम में वे यही कर रहे हैं। तमिलनाडु में वे अपने गठबंधन साझेदार अन्नाद्रमुक के साथ मिलकर ऐसा करने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा के पास नफरत, हिंसा और विभाजनकारी राजनीति के अलावा देने के लिये कुछ नहीं है। सोनार बांग्ला बनाने के भाजपा के नारे का मजाक उड़ाते हुए गांधी ने इसे धोखा करार दिया और कहा कि वे हर राज्य में यही सपना बेचते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, वे प्रत्येक राज्य में सोनार बांग्ला जैसी बात कहते हैं। लेकिन लोगों को धर्म, जाति और के आधार पर बांटते रहते हैं। गांधी ने बंगाल में कट मनी की समस्या की निंदा करते हुए कहा, आपने टीएमसी को मौका दिया, लेकिन वह नाकाम रही। लोगों को रोजगार के लिये दूसरे राज्यों में जाना पड़ा। यह एकमात्र राज्य है, जहां आपको नौकरी पाने के लिये कटमनी देना पड़ता है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने टीएमसी के खेला होबे (खेल होगा) नारे का मजाक उड़ाते हुए कहा कि लोगों की सेवा करना और खेल खेलना दोनों अलग-अलग बाते हैं।
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उन्होंने कहा, हमने कभी भाजपा और आरएसएस से समझौता नहीं किया। हमारी लड़ाई राजनीतिक ही नहीं बल्कि विचारधारा की भी है। ममता जी के लिये यह केवल राजनीतिक लड़ाई है। गांधी ने कहा, भाजपा अच्छी तरह जानती है कि कांग्रेस उसके सामने हथियार नहीं डालेगी। लिहाजा उसने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा लगाया। उन्होंने कभी टीएमसी मुक्त भारत का नारा नहीं दिया, क्योंकि वह उसकी पुरानी गठबंधन साझेदार है। गांधी ने लोगों से बंगाल में विकास के नए युग की शुरुआत के लिये कांग्रेस-आईएसएफ-वाम गठबंधन को वोट देने की अपील की।
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