पश्चिम के विपरीत, भारत में धर्म कभी भी विज्ञान विरोधी नहीं था: भाजपा नेता पी मुरलीधर राव

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भारतीय जनता पार्टी के पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री मुरलीधर राव ने एकात्ममानववाद पर चर्चा करते हुए कहा, ‘‘हमारी विचारधारा, सिद्धांत, मौलिक दृष्टि, संगठन निर्माण, सामूहिकता के दृष्टि अन्य पार्टी के वैचारिक मूल्यों से अलग है। हमने पूंजीवाद, साम्यवाद की भावना को नकारते हुए एकात्म मानववाद एवं अंत्योदय की भावना को आत्मसात किया है।’’

चित्रकूट (उप्र), 30 जुलाई।  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता पी मुरलीधर राव ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम के विपरीत भारत में ‘धर्म और विज्ञान के बीच’ इस तरह का संघर्ष कभी नहीं हुआ क्योंकि देश में धर्म ‘कभी भी विज्ञान विरोधी नहीं रहा।’ प्रदेश भाजपा का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुक्रवार को नानाजी देशमुख सभागार, चित्रकूट में प्रारंभ हुआ।

पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री मुरलीधर राव ने एकात्ममानववाद पर चर्चा करते हुए कहा, ‘‘हमारी विचारधारा, सिद्धांत, मौलिक दृष्टि, संगठन निर्माण, सामूहिकता के दृष्टि अन्य पार्टी के वैचारिक मूल्यों से अलग है। हमने पूंजीवाद, साम्यवाद की भावना को नकारते हुए एकात्म मानववाद एवं अंत्योदय की भावना को आत्मसात किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा संघर्ष कभी भी धर्म और विज्ञान के बीच नहीं हुआ, बल्कि हमारे धर्म में व्यापक दर्शन है, सृष्टि को देखने का बोध अलग है।

संगठन ने समाज और व्यक्ति में कभी भिन्नता नहीं की। हमारी दार्शनिक विचारधारा है कि जो पिण्ड में है वही ब्रम्हांड में है।’’ बाद में, राव ने पीटीआई-से कहा, ‘‘भाजपा हर पहलू में एक अनूठी पार्टी है। यह हर पहलू में अंतर वाली पार्टी है। विचारधारा के संदर्भ में, हम एक पूरी तरह से अलग श्रेणी के हैं।’’ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण वह प्रयत्न होता है जिसके द्वारा कार्यकर्ता अपनी क्षमता तथा अपनी प्रतिभा को बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य सांगठनिक कार्यों मे कार्यकुशलता लाना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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