तो क्या प्रियंका गांधी की भी हुई थी जासूसी? कांग्रेस के आरोप का बीजेपी ने दिया ये जवाब
अमित मालवीय ने आगे कहा, वह यह दावा याद रखें कि राहुल गांधी का जीवन खतरे में था जब एक वीडियो कैमरे से हरी बत्ती, एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान उनके चेहरे पर चमकी थी। खैर, यह सार्वजनिक जीवन में उनके नेताओं की विश्वसनीयता का स्तर है।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला के जासूसी मामले पर दिए गये ताजा बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने करारा हमला बोला है। रविवार को एक ट्वीट में, भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा, "क्या हमने कांग्रेस को ऐसी चीजों की कल्पना करते नहीं देखा है जो मौजूद नहीं हैं?" अमित मालवीय ने उस समय को भी याद किया जब कांग्रेस ने दावा किया था कि राहुल गांधी का जीवन उस समय खतरे में था जब इस साल की शुरुआत में चुनाव प्रचार के दौरान उनके चेहरे पर एक हरी बत्ती चमक गई थी। अमित मालवीय ने आगे कहा, "वह यह दावा याद रखें कि राहुल गांधी का जीवन खतरे में था जब एक वीडियो कैमरे से हरी बत्ती, एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान उनके चेहरे पर चमकी थी। खैर, यह सार्वजनिक जीवन में उनके नेताओं की विश्वसनीयता का स्तर है।
Haven’t we seen Congress imagining things that don’t exist? Remember them claiming that Rahul Gandhi’s life was in danger when a green light, off a video camera, flashed on his face during a media briefing. Well, that is the level of their leaders’ credibility in public life... https://t.co/S7FHOzuOzm
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 3, 2019
कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी को व्हाट्सएप से एक संदेश मिला है जिसमें बताया गया है कि उनका फोन हैक होने का संदेह है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जब व्हाट्सएप से उन सभी लोगों को संदेश भेजे गए जिनके फोन हैक हुए थे, तो ऐसा ही एक संदेश प्रियंका गांधी वाड्रा को भी मिला था।
Randeep Surjewala, Congress: When WhatsApp sent messages to all those whose phones were hacked, one such message was also received by Priyanka Gandhi Vadra. pic.twitter.com/yIulj78GeY
— ANI (@ANI) November 3, 2019
सुरजेवाला ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि पेगासस स्पाइवेयर को केवल सरकार ही खरीद सकती है कोई और ये किसी को बेच ही नहीं सकता। उन्होंने कहा कि 2019 के संसदीय चुनाव के दौरान पेगासस स्पाइवेयर से नेताओं, पत्रकारों और ऐक्टिविस्टों के फोन को टेप किया गया और सरकार को इसकी जानकारी थी। कांग्रेस ने यह सवाल उठया कि क्या नरेंद्र मोदी सरकार ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकों और राजनीतिक नेताओं पर जासूसी की थी। रणदीप सुरजेवाला ने पूछा कि क्या सत्ता के ईलाकों में बैठे लोग आपराधिक अपराधों के दोषी हैं और क्या सरकार को पता था कि अवैध स्पाइवेयर प्रमुख व्यक्तियों की जासूसी करने के लिए तैनात किए जा रहे हैं।
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आपको बता दें कि काग्रेस कई दिनों से लगातार नकई भारतीय पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की कथित जासूसी के मामले को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साध रही है और आरोप लगा रही है कि बेईमान सरकार ने इस मामले से जुड़े वाजिब सवालों के जवाब नहीं दिए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, बेईमान भाजपा सरकार ने जासूसी मामले पर वाजिब सवालों के जवाब देने से इनकार किया। उन्होंने सवाल किया, भारत सरकार में किसने स्पाइवेयर की खरीदारी की? प्रधानमंत्री या राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार में से किसने इसकी खरीद की इजाजत दी? सुरजेवाला ने यह भी पूछा, अगर फेसबुक ने मई, 2019 में सरकार को सूचित किया तो सरकार खामोश क्यों रही? जिम्मेदार लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी? गौरतलब है कि फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी वॉट्सऐप ने कहा है कि इजराइल के स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयों की वैश्विक स्तर पर जासूसी की गई। भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं।
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