BMC का नया ऐलान, परियोजना में होगी देरी तो आधी मिलेगी सैलरी
नकदी से संपन्न बीएमसी में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित कई मामलों को उजागर करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा, ‘‘महानगरपालिका हर साल सार्वजनिक कार्यों पर 10,000 करोड़ रुपये खर्च करती है लेकिन शायद ही कोई परियोजना समयसीमा के भीतर पूरी हो पाती है।’’
मुंबई। नागरिक सुविधाओं से जुड़े कार्यों को समय पर पूरा करने की कवायद के तहत बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) प्रमुख प्रवीण परदेसी ने हाल ही में एक परिपत्र जारी करते हुए अधिकारियों से समय पर परियोजनाएं पूरी करने या फिर अपने वेतन से 50 फीसदी की कटौती होने के लिए तैयार रहने को कहा है। परिपत्र में अधिकारियों के अलावा सिविक ठेकेदारों को भी चेतावनी दी गई है कि अगर वे समयसीमा के भीतर काम पूरा करने में नाकाम रहे तो परियोजना की लागत में 20 फीसदी तक की कटौती कर दी जाएगी।
एक वरिष्ठ सिविक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘परदेसी ने पिछले सप्ताह परिपत्र जारी किया जिसमें उन्होंने निगरानी परियोजनाओं में शामिल महानगरपालिका के अधिकारियों को समयसीमा के भीतर काम पूरा करने या फिर अपने वेतन में 50 फीसदी की कटौती के लिए तैयार रहने को कहा।’’ उन्होंने कहा कि महानगरपालिका प्रमुख द्वारा जारी किया गया परिपत्र समस्या के समाधान और अधिकारियों खासतौर से इंजीनियरों को समयसीमा के भीतर परियोजनाएं पूरी करने के लिए प्रेरित करने के तौर पर काम करेगा। कार्यकर्ताओं ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे हर किसी को लाभ मिलेगा और जिम्मेदारी तय होगी।
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नकदी से संपन्न बीएमसी में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित कई मामलों को उजागर करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा, ‘‘महानगरपालिका हर साल सार्वजनिक कार्यों पर 10,000 करोड़ रुपये खर्च करती है लेकिन शायद ही कोई परियोजना समयसीमा के भीतर पूरी हो पाती है।’’ उन्होंने बताया कि इसके बजाय परियोजनाओं की लागत बढ़ाने के लिए जानबूझकर उनमें देरी की जाती है। इंजीनियरों और ठेकेदारों के बीच सांठगांठ से ऐसा होता है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि वेतन कटौती का कदम कारगर होगा और इस गठजोड़ को तोड़ेगा।
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