Border dispute : महाराष्ट्र और कर्नाटक में जारी सीमा विवाद, बेलगावी में कड़ी सुरक्षा के बीच शांति कायम

Border dispute Belagavi
प्रतिरूप फोटो
ANI

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने केंद्र पर निशाना साधते हुए दावा किया कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में जारी सीमा विवाद के बीच हिंसा की घटनाएं ‘दिल्ली के समर्थन’ के बिना नहीं हो सकती हैं। बेलगावी में प्रदर्शन महाराष्ट्र के साथ जारी सीमा विवाद के बीच राज्य के दो मंत्रियों के मंगलवार को प्रस्तावित दौरे के मद्देनजर हुआ था

महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद को लेकर कन्नड़ समर्थक संगठनों के प्रदर्शन के एक दिन बाद बुधवार को कर्नाटक के बेलगावी में माहौल शांतिपूर्ण रहा। इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने केंद्र पर निशाना साधते हुए दावा किया कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में जारी सीमा विवाद के बीच हिंसा की घटनाएं ‘दिल्ली के समर्थन’ के बिना नहीं हो सकती हैं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने राउत पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें इस तरह की ‘बेबुनियाद और भड़काऊ टिप्पणियां’ करने से बचना चाहिए।

बेलगावी में प्रदर्शन महाराष्ट्र के साथ जारी सीमा विवाद के बीच राज्य के दो मंत्रियों के मंगलवार को प्रस्तावित दौरे के मद्देनजर हुआ था। दरअसल, शंभूराज देसाई और चंद्रकांत पाटिल, जिन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बेलगावी से जुड़े सीमा विवाद मामले की पैरवी कर रही कानूनी टीम के साथ समन्वय के लिए नियुक्त किया था, महाराष्ट्र समर्थक संगठन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को शहर का दौरा करने की योजना बना रहे थे। कन्नड़ समर्थक प्रदर्शनकारियों के विरोध के कारण, दोनों मंत्रियों ने अपनी यात्रा स्थगित कर दी। एक पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “क्षेत्र में पूरी तरह से शांति है। कोई विरोध-प्रदर्शन नहीं हो रहा है।”

उन्होंने बताया कि एहतियाती उपाय के तौर पर प्रदर्शनों को रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इस बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं द्वारा पुणे से बेलागवी जा रही कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की अल्ट्रा डीलक्स राजहंस बस को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में विरूपित किए जाने की खबरें हैं। महाराष्ट्र इस आधार पर बेलगावी के विलय की मांग कर रहा है कि जिले में मराठी भाषियों की पर्याप्त आबादी है। हालांकि, कर्नाटक सरकार महाराष्ट्र के इन दावों को खारिज करती रही है।

वहीं, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में जारी सीमा विवाद के बीच हिंसा की घटनाएं ‘दिल्ली के समर्थन’ के बिना नहीं हो सकती हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य ऐसे हमलों का जवाब देने में कमजोर साबित हुआ है। सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों के बीच बढ़ते तनाव के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और उनके महाराष्ट्र के समकक्ष शिंदे ने मंगलवार रात फोन पर एक-दूसरे से बात की और शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने पर जोर दिया। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी महाराष्ट्र से दक्षिणी राज्य में प्रवेश करने वाले वाहनों पर पथराव को लेकर मंगलवार को बोम्मई से बात की थी।

उन्होंने कहा था कि वह इस मामले को केंद्र के समक्ष भी उठाएंगे। राज्यसभा सदस्य राउत ने बुधवार को ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि बेलगावी में महाराष्ट्र से आ रहे वाहनों और मराठी लोगों पर ‘दिल्ली के समर्थन’ के बिना हमला नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र एकीकरण समिति के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। मराठी स्वाभिमान की रीढ़ तोड़कर उसे खत्म करने का खेल शुरू हो गया है। बेलगावी में हुआ हमला उसी साजिश का हिस्सा है।

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उठो मराठा ! उठो!” राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कहते हैं कि उन्होंने एक क्रांति पैदा की है। उन्होंने कहा, “यह किस तरह की क्रांति है, इसे राज्य द्वारा इन हमलों का मुकाबला करने में कमजोर साबित होने में देखा जा सकता है।” राउत ने कहा कि जिन लोगों ने यह कहकर शिवसेना छोड़ी कि उनमें स्वाभिमान है, उन्होंने अब चुप रहने का फैसला किया है। बाद में, पत्रकारों से बातचीत में राउत ने कहा, “बेलगावी को केंद्र-शासित प्रदेश घोषित किया जाए।” उन्होंने कहा कि लोग राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के नेतृत्व में बेलगावी जाने के लिए तैयार हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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