कलकत्ता उच्च न्यायालय ने दो प्रदर्शनकारी शिक्षकों को पुलिस के समक्ष पेश होने को कहा

Kolkata High Court
ANI

भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के लिए उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों के लगभग 26,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने दो प्रदर्शनकारी शिक्षकों को 15 मई को साल्ट लेक स्थित राज्य शिक्षा विभाग के मुख्यालय विकास भवन और उसके आसपास हुई झड़पों की जांच के संबंध में पूछताछ के लिए पुलिस के समक्ष पेश होने का बुधवार को निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने मौखिक टिप्पणी में पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि वह सुदीप कोनार और इंद्रजीत मंडल के खिलाफ बृहस्पतिवार तक कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे।

इन दोनों ने 15 मई को विकास भवन के सामने पुलिसकर्मियों के साथ हुई झड़प की घटनाओं को लेकर पुलिस द्वारा उन्हें जारी नोटिस को चुनौती देते हुए अदालत में याचिका दायर की थी।

अदालत ने राज्य सरकार से बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान प्रदर्शन के संबंध में दर्ज प्राथमिकी की केस डायरी भी प्रस्तुत करने को कहा। राज्य के वकील ने अदालत को बताया कि प्रदर्शन के दौरान हुई घटनाओं के संबंध में 15 लोगों को नोटिस भेजे गए हैं।

विकास भवन के आसपास आंदोलनकारी स्कूल शिक्षकों और पुलिस के बीच 15 मई को झड़पें हुईं, जब आंदोलनकारी शिक्षकों ने अवरोधक तोड़ दिए और परिसर के अंदर घुस गए। पुलिस ने यह भी दावा किया है कि झड़प में उसके कुछ कर्मी घायल हुए हैं।

हाल में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अपनी नौकरी गंवाने वाले स्कूल शिक्षक 15 मई से विकास भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के लिए उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों के लगभग 26,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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