क्या प्रियंका के अलावा कोई और कांग्रेस महासचिव खुद को CM कैंडिडेट कर सकता है घोषित ?

Priyanka Gandhi
प्रतिरूप फोटो

साल 2019 से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का एक ही चेहरा दिखाई दे रहा है- प्रियंका गांधी और उन्होंने खुद इस बात का जिक्र भी किया। कांग्रेस द्वारा शुक्रवार को भर्ती विधान पेश किए जाने पर पत्रकारों ने प्रियंका गांधी से मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सवाल पूछा। जिस पर उन्होंने बड़े ही सलीके से सवाल ही दाग दिया।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों में घमासान मचा हुआ है। पार्टियां मतदाताओं को लुभाने के लिए तरह-तरह के वादे भी कर रही हैं। इसी बीच कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को राहुल गांधी की मौजूदगी में युवाओं के लिए अलग से संकल्प पत्र पेश किया। पार्टी ने युवाओं के इस संकल्प पत्र को 'भर्ती विधान' नाम दिया। जिसकी चारो तरफ चर्चा हो रही है। इसके बावजूद प्रदेश में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच में होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में कांग्रेस कहां खड़ी है ? क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव की तरफ नजर दौड़ाएं तो कांग्रेस ने भले ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ हाथों में हाथ डालकर चुनाव लड़ा हो लेकिन उन्हें इसका कोई फायदा नहीं हुआ। 

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साल 2019 में कांग्रेस महासचिव की उत्तर प्रदेश में सीधे हेलीकॉप्टर लैंडिंग हुई थी। उस वक्त एक नारा बड़े जोरो-शोरो से गूंज रहा था- 'प्रियंका नहीं यह आंधी हैं, दूसरी इंदिरा गांधी हैं।' हालांकि पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में कुछ खास नहीं कर पाई। लेकिन प्रियंका ने उस वक्त साफ कर दिया था कि उनका लक्ष्य 2019 नहीं बल्कि 2022 में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाना है। जिसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत करते हुए संगठन को मजबूत करने का काम किया। मौजूदा विधानसभा चुनाव के लिए उन्होंने 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' कैंपेन की शुरुआत भी की। जिसका वजह से दूसरी पार्टियों ने भी महिलाओं को महत्व दिया।

साल 2019 से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का एक ही चेहरा दिखाई दे रहा है- प्रियंका गांधी और उन्होंने खुद इस बात का जिक्र भी किया। कांग्रेस द्वारा शुक्रवार को भर्ती विधान पेश किए जाने पर पत्रकारों ने प्रियंका गांधी से मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सवाल पूछा। जिस पर उन्होंने बड़े ही सलीके से कहा कि क्या आपको उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की तरफ से किसी और का चेहरा दिख रहा है ? क्या मेरा चेहरा हर जगह दिख रहा है ना ? प्रियंका गांधी के इस जवाब से स्पष्ट था कि वह ही मुख्यमंत्री पद की दावेदार हैं और उन्होंने विरोधियों को टक्कर देने के लिए पहले महिला कार्ड और फिर युवा कार्ड भी खेला है। हालांकि इसका कितना असर होगा यह तो 10 मार्च को आने वाले नतीजों में ही स्पष्ट हो पाएगा। लेकिन एक बात को स्पष्ट है कि महिलाओं और युवाओं के विषय पर चुनावों में चर्चा हो रही है।

कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी ने खुद को मुख्यमंत्री का दावेदार बता दिया है लेकिन क्या कोई और पार्टी महासचिव खुद को किसी अन्य राज्य में मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित कर सकता है ? तो हम आपको बता दें कि मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनावों में ठीक इससे उलट हुआ था। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीधे शिवराज सिंह चौहान से तो सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे से टक्कर ली थी और चुनाव परिणाम भी कांग्रेस के पक्ष में आए थे। इसके बाद पार्टी ने दोनों चेहरों को नजरअंदाज कर दिया और कमलनाथ और अशोक गहलोत की ताजपोशी हुई। इससे नाराज सिंधिया और पायलट ने बगावत की। सिंधिया सफल भी हुए और केंद्र सरकार में मंत्री भी बने लेकिन गहलोत ने पायलट की उड़ान में लगाम लगा दी और कांग्रेस का आलानेतृत्व देखता रहा और इन्हें सब्र करने को कहता रहा। ठीक ऐसा ही छत्तीसगढ़ में भी हुआ और वहां पर भी खींचतान देखने को मिली लेकिन भूपेश बघेल की कुर्सी नहीं छिनी और टीएससिंह देव खामोश बैठ गए। 

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राजनीति में हमेशा एक बात, दूसरी बात से जुड़ी हुई होती है। कांग्रेस आलाकमान की भूमिका निभा रही प्रियंका गांधी को भला कौन रोक सकता है ? लेकिन दूसरे नेताओं के पर काटने के लिए आलाकमान के साथ-साथ प्रदेश पार्टी के नेता भी मुस्तैद रहते हैं। अब वापस से मौजूदा चुनावों की तरफ अपना ध्यान दौड़ाते हैं। उत्तर प्रदेश में जहां प्रियंका ही सबकुछ हैं तो पंजाब में कभी चन्नी और सिद्धू दो अलग-अलग चेहरे दिखाई देते हैं। सिद्धू ने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंजाब मॉडल पेश करते हुए एक बात स्पष्ट कर दी कि जनता ही मुख्यमंत्री चुनेगी और चन्नी ने अमरिंदर सिंह का जिक्र करके पार्टी पर मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने का दबाव बना दिया। लेकिन पार्टी भी दो नाव में सवार होकर चुनाव जीतने के सपने देख रही है। ऐसे में पार्टी को राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की कलह को नहीं भूलना चाहिए। हालांकि पार्टी ने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट में मुख्यमंत्री चन्नी का एक वीडियो जारी कर इशारों ही इशारों में बहुत कुछ कह भी दिया। लेकिन समझने वाले क्या समझते हैं यह तो उनकी समझ पर ही छोड़ने पड़ेगा।

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