कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अमन -कानून की व्यवस्था संबंधी हरपाल चीमा के झूठों का पर्दाफाश किया

Punjab CM

हरपाल सिंह चीमा द्वारा राज्य में अपराध के बढ़ रहे मामलों के बारे लगाऐ गए बेबुनियाद दोषों के जवाब में मुख्यमंत्री ने विरोधी पक्ष के नेता के ग़ैर -जिम्मेदाराना व्यवहार पर हैरानी ज़ाहिर की कि जिसकी तरफ से कुछ निराधार मीडिया रिपोर्टों के द्वारा गलत सूचना फैलायी जा रही है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, 'इधर-उधर ग़ैर-प्रवानित आंकड़े इक्ठा करने की बजाय चीमा को तथ्य हासिल करने के लिए डी.जी.पी. तक पहुँच कर सकते थे

चण्डीगढ़  विरोधी पक्ष के नेता द्वारा राज्य की अमन-कानून की व्यवस्था संबंधी भ्रामक और राजनैतिक तौर पर प्रेरित बयानबाज़ी करने के लिए उसे आड़े हाथों लेते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के लिए आम आदमी पार्टी की सख़्त निंदा की है। उन्होंने कहा कि आप की साल 2022 के चुनाव मैदान को जीतने के लिए यह बौखलाहट भरी कोशिश की है जबकि वह इससे पहले ही हाथों में से रेत की तरह खिसकती जा रही अपनी राजनैतिक ज़मीन को देख सकते हैं।

 

हरपाल सिंह चीमा द्वारा राज्य में अपराध के बढ़ रहे मामलों के बारे लगाऐ गए बेबुनियाद दोषों के जवाब में मुख्यमंत्री ने विरोधी पक्ष के नेता के ग़ैर -जिम्मेदाराना व्यवहार पर हैरानी ज़ाहिर की कि जिसकी तरफ से कुछ निराधार मीडिया रिपोर्टों के द्वारा गलत सूचना फैलायी जा रही है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा,  "इधर-उधर ग़ैर-प्रवानित आंकड़े इक्ठा करने की बजाय चीमा को तथ्य हासिल करने के लिए डी.जी.पी. तक पहुँच कर सकते थे जो उनके प्रैस नोट में जारी किये आंकड़ों से बिल्कुल अलग हैं।"

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मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुये कहा कि चीमा ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि आप की विचारधारा झूठ और मनघड़त बातों पर अधारित है और अरविन्द केजरीवाल की पार्टी के सभी नेता धोखेबाज़ी और मक्कारी के उस्ताद बन गए हैं। उन्होंने कहा कि चीमा के दावों से उलट मार्च, 2017 से उनकी सरकार आने से लेकर राज्य में फिरौती के लिए अपहरण से जुड़े सिर्फ़ 38 मामले रिपोर्ट हुए। यहाँ तक कि साल 2017 से फिरौती के लिए अपहरण के दर्ज केवल 38 मामलों (0.5प्रतिशत) को सुलझा लिया और हरेक घटना के पीडित की रिहाई सफलतापूर्वक हो गई और हर केस में दोषियों को गिरफ़्तार किया। उन्होंने कहा कि गंभीर मामलों में अपराधिक मुकदमों की तेज़ी से निगरानी करके कई मामलों में तो सज़ाएं भी हो गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मामले चीमा की तरफ से बताईं 7138 घटनाओं से कोसों दूर हैं और चीमा स्पष्ट रूप से तौर पर फिरौती के लिए अपहरण करने के मामलों और अपहरण के अन्य मामलों के बीच का फर्क नहीं कर सकते। चीमा की स्पष्ट अज्ञानता पर चुटकी लेते हुये मुख्यमंत्री ने कहा, "फिर तो आपको शासन या प्रशासन या पुलिस के तजुर्बो का कुछ नहीं पता, जिस कारण यह हैरानीजनक बात नहीं है।"

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राज्य के गृह मंत्री होने के नाते कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि विरोधी पक्ष के नेता के पूरी तरह नादान होने के कारण उनको भविष्य में भी फिर ऐसी शर्मिंदगी से बचाने के लिए वह श्री चीमा को कुछ सुझाव देना गलत नहीं समझते। मुख्यमंत्री ने विस्तार में जानकारी देते हुये कहा कि असली तथ्य यह है कि आई.पी.सी. की धाराओं 363, 364 -ए, 365 और 366 के अंतर्गत दर्ज अपराधिक मामलों का एक समूह है जो अपहरण से निपटते हैं। यह धारायें अपहरण (किडनैपिंग) के लिए धारा 363, अपहरण (अबडशन) के लिए धारा 364, फिरौती के लिए अपहरण आदि (364 -ए), महिला को विवाह के लिए मजूबर करने के लिए अपहरण करना या लुभाना (366), नाबालिग लडक़ी को बहलाना-फुसलाना(366 -ए) शामिल हैं।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाकी 7138 में से 87 प्रतिशत मामले उधाले(मिलकर भाग जाना) से सम्बन्धित और 10 प्रतिशत से अधिक दो धड़ों के बीच झड़पों से सम्बन्धित हैं, जिसमें आम तौर पर अपहरण के अपराधों की रजिस्ट्रेशन शामिल होती है क्योंकि लोग या तो अपनी मजऱ्ी से लापता हो जाते हैं या अपनी मजऱ्ी से भाग जाते हैं क्योंकि वह आपसी सहमति से रिश्ते में होते हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुये कहा, ‘‘ऐसे बहुत से मामलों में एफआईआर दर्ज करते समय परिवार को उनके लापता होने के कारणों के बारे पता नहीं होता और इसलिए अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करवाते हैं जिसके बारे चीमा न तो जानते हैं और न ही जानना चाहते हैं।

कैप्टन अमरिन्दर ने चीमा के विभिन्न जिलों में फिरौती के मामलों के लिए अपहरण करने के दावों को नकारते हुये कहा कि विरोधी पक्ष के नेता के ऐसे 1032 मामलों के दावों के उलट वास्तव में लुधियाना में सिर्फ़ तीन मामले रिपोर्ट किये गए थे जो हल हो गए हैं। इसी तरह अमृतसर कमिशनरेट और जि़ले में फिरौती के लिए अपहरण करने के सिर्फ़ दो मामले, जबकि जालंधर जि़ले में विरोधी पक्ष के नेता की तरफ से दावा किये गए 619 मामलों के उलट फिरौती के लिए अपहरण करने का एक भी केस दर्ज नहीं किया गया।

जि़ला मोहाली में अपहरण करने की अलग-अलग धाराओं के अधीन दर्ज की गई 576 एफआईआरज़ में से सिर्फ़ दो फिरौती के लिए अपहरण करने से सम्बन्धित हैं। इन दोनों मामलों की जांच की गई और अदालत में चालान पेश किये गए। मुख्यमंत्री ने बताया कि बाकी मामले नाबालिग लड़कियों के भागने से सम्बन्धित हैं। पटियाला जि़ले में अपहरण करने के दर्ज 470 मामलों में से सिर्फ़ दो ही फिरौती से सम्बन्धित थे।

चीमा के दावों को रद्द खारिज़ करते हुये कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति इस समय पर देश में सबसे बढिय़ा है। उन्होंने बताया कि इंडिया टुडे - स्टेट आफ स्टेटस रिपोर्ट 2020 के अनुसार पंजाब को कानून और व्यवस्था में सर्वोत्त्म कारगुज़ारी के लिए देश में अग्रणी राज्य का दर्जा दिया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के सत्ता संभालने से लेकर पंजाब की कानून व्यवस्था की दर्जाबन्दी में साल दर साल सुधार हुआ जो 2018 में रैंक 5 से साल 2019 में रैंक 2 और फिर साल 2020 में रैंक 1 हो गई।

पंजाब में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की अपराधियों के साथ सांठ-गांठ होने के बारे विरोधी पक्ष के नेता की तरफ से लगाए दोषों पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि ऐसी सांझ सिर्फ़ आम आदमी पार्टी में ही होती है, जिसके राष्ट्रीय कनवीनर अरविन्द केजरीवाल को 2017 के विधान सभा मतदान से पहले सरेआम आतंकवादी और अपराधिक पृष्टभूमि वाले लोगों के साथ मेलजोल रखते देखा गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डीजीपी दिनकर गुप्ता के नेतृत्व अधीन पंजाब पुलिस ने राज्य की शांति को सफलतापूर्वक बहाल किया, जहाँ लोग आज सुरक्षित महसूस करते हैं। गैंगस्टरों, आतंकवादियों, ड्रग डीलरों आदि को या तो बे-असर कर दिया गया या वह भागने के लिए मजबूर हुए। उन्होंने कहा कि सुनियोजित हत्याएँ करने के मामलों को सुलझाने से लेकर आतंकवाद को फिर सुरजीत करने और राज्य की सांप्रदायिक सदभावना को ठेस पहुँचाने की कोशिश कर रही पाक समर्थित ताकतों पर शिकंजा कसने तक, पुलिस विभाग ने शानदार सफलता हासिल की है।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने औद्योगिक विकास के बारे चीमा के झूठों को शुरू से नकारते हुये कहा कि पिछले चार से अधिक सालों के दौरान ज़मीनी स्तर पर 91,000 करोड़ रुपए का निवेश हासिल हुआ है। उन्होंने विरोधी पक्ष के नेता को चेतावनी दी कि झूठों और मनघड़त बातों के द्वारा कांग्रेस सरकार की इन प्राप्तियों को नीचा दिखाने के लिए आप की निराशाजनक कोशिशें न सिर्फ़ असफल होंगी बल्कि 2017 की तरह उन पर एक बार फिर उलटी पड़ेंगी।

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