कोयला घोटाला मामले में CBI ने विशेष अदालत से की अपील, कहा- पूर्व मंत्री दिलीप रे को दी जाए उम्र कैद की सजा

Dilip Ray

कोयला खदान आबंटन के अपराध के लिये दोषसिद्धि का यह पहला मामला है जिसमे अधिकतम सजा उम्र कैद है। दिलीप रे को भारतीय दंड संहिता की धारा 409 (लोकसेवक द्वारा विश्वाघात) सहित विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है।

नयी दिल्ली। सीबीआई ने दिल्ली की विशेष अदालत से बुधवार को अनुरोध किया कि झारखंड में 1999 में कोयला खदान आबंटन में अनियमित्ताओं के लिये दोषी ठहराये गये पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिलीप रे को उम्र कैद की सजा दी जाये। विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने सीबीआई और दोषियों की ओरसे सजा के बारे में बहस सुनने के बाद कहा कि इस पर 26 अक्टूबर को आदेश सुनाया जायेगा। सीबीआई ने विशेष अदालत से अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे दिलीप रे के साथ ही कोयला मंत्रालय में उस समय वरिष्ठ अधिकारी प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्य नंद गौतम तथा कैस्ट्रॉन टेक्नॉलॉजी लि के निदेशक महेन्द्र कुमार अग्रवाल को भी उम्र कैद की सजा देने का अनुरोध किया है। 

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इसके अलावा, अभियोजन ने इस मामले मे दोषी ठहराई गई सीएलटी और कैस्ट्रॉन टेक्नॉलॉजी लि पर अधिकतम जुर्माना लगाने का भी अनुरोध किया है। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुयी बहस में जांच ब्यूरो की ओर से लोक अभियोजक वी के शर्मा और ए पी सिंह ने अदालत से कहा कि इस समय सफेदपोश अपराध बढ़ रहा है और ऐसी स्थिति में समाज में संदेश देने के लिये दोषियों को अधिकतम सजा देने की जरूरत है। 

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कोयला खदान आबंटन के अपराध के लिये दोषसिद्धि का यह पहला मामला है जिसमे अधिकतम सजा उम्र कैद है। दिलीप रे को भारतीय दंड संहिता की धारा 409 (लोकसेवक द्वारा विश्वाघात) सहित विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है। दोषी व्यक्तियों ने अदालत से उनकी वृद्धावस्था और पहले कभी किसी मामले में दोषी नहीं ठहराये जाने जैसे तथ्य को ध्यान में रखते हुये नरमी बरतने का अनुरोध किया। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस पर 26 अक्टूबर को आदेश सुनाया जायेगा। अदालत ने सभी दोषियों को उस दिनहाजिररहने का निर्देश दिया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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