मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के निर्वाचन को चुनौती, जारी किए गए नोटिस

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बतौर कांग्रेस उम्मीदवार सांवेर क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले सिलावट ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी और निवर्तमान भाजपा विधायक राजेश सोनकर को 2,945 मतों के नजदीकी अंतर से हराया था।

इंदौर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने गत नवंबर में संपन्न विधानसभा चुनावों में राज्य के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट के निर्वाचन को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर सोमवार को नोटिस जारी किये। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शैलेंद्र शुक्ला ने सांवेर विधानसभा क्षेत्र में दो पराजित उम्मीदवारों की अलग-अलग याचिकाओं पर सिलावट के अलावा राज्य निर्वाचन आयुक्त, जिला निर्वाचन अधिकारी और अन्य प्रतिवादियों से जवाब तलब किया। अदालत की वेबसाइट के मुताबिक, मामले में अगली सुनवाई की सम्भावित तारीख 28 मार्च है। बतौर कांग्रेस उम्मीदवार सांवेर क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले सिलावट ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी और निवर्तमान भाजपा विधायक राजेश सोनकर को 2,945 मतों के नजदीकी अंतर से हराया था।

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सोनकर के साथ एक निर्दलीय उम्मीदवार राहुल सिलावट ने भी अदालत में याचिका दायर कर इस चुनाव को शून्य और अमान्य घोषित किये जाने की गुहार लगाई है। ये याचिकाएं लोक प्रतिनिधित्व कानून के तहत दायर की गयी हैं। याचिकाकर्ताओं के वकील पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि उनके पक्षकारों का आरोप है कि सिलावट ने त्रुटिपूर्ण तरीके से चुनावी पर्चा भरा और निर्वाचन आयोग से अपने सोशल मीडिया खाते की जानकारी छिपायी। भार्गव के मुताबिक, याचिकाओं में यह भी आरोप लगाया गया है कि सिलावट ने चुनावी नामांकन पत्र के साथ जमा कराये गये हलफनामे पर अपना फोटो नहीं लगाया। इसके साथ ही, इस अहम दस्तावेज में एक स्थान पर अपनी उच्चतम शैक्षणिक योग्यता  एमए, एलएलबी प्रथम वर्ष  बतायी, जबकि दूसरे स्थान इसे  एमए, एलएलबी  के रूप में निरूपित किया। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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