वायुसेना की आवश्यकता में समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं: सीतारमण

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उन्होंने कहा, ‘‘अब आपके पास यूएवी (मानवरहित हवाई यान या ड्रोन) हैं, इसलिए युद्ध की स्थिति में क्या हमें दुश्मन की सीमाओं के अंदर लड़ाकू विमान में प्रशिक्षित पायलट को भेजना जरूरी है? इसलिए समय-समय पर आवश्यकताएं बदलती रहती हैं।’’

अहमदाबाद। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि वायुसेना को जितने लड़ाकू जेट विमानों की आवश्यकता होती है उनकी संख्या में समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं। 2001 में हालात तब अलग थे जब भारत ने 126 लड़ाकू विमानों को खरीदने का फैसला किया था। राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर कांग्रेस सवाल उठा रही है। कांग्रेस ने यह सवाल भी उठाया है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने 126 लड़ाकू जेट विमान खरीद की मूल योजना के बजाय केवल 36 विमान खरीदने का फैसला क्यों किया।

सीतारमण यहां ‘भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और राफेल सौदे के महत्व’ विषय पर संबोधन के दौरान सवालों का जवाब दे रही थीं। वायु सेना के लिये आवश्यक लड़ाकू विमानों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘2001 में जब 126 लड़ाकू विमानों की खरीद का फैसला किया गया तब वायुसेना की मांग अधिक थी। अब 20 साल बाद हालात बदल गये हैं।’’ 

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उन्होंने कहा, ‘‘अब आपके पास यूएवी (मानवरहित हवाई यान या ड्रोन) हैं, इसलिए युद्ध की स्थिति में क्या हमें दुश्मन की सीमाओं के अंदर लड़ाकू विमान में प्रशिक्षित पायलट को भेजना जरूरी है? इसलिए समय-समय पर आवश्यकताएं बदलती रहती हैं।’’ 

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