SC को चारधाम पैनल प्रमुख का पत्र, सड़क मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार पर उठाए सवाल
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की निगरानी समिति के अध्यक्ष रवि चोपड़ा के 5 अक्टूबर को लिखे इस नए पत्र ने केंद्र और उत्तराखंड की सरकारों को कटघरे में खड़ा कर दिया है क्योंकि दोनों सरकारें बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के चार पवित्र स्थानों को सुचारू कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए परियोजना को पूरा करने के लिए काम कर रही।
चारधाम सड़क परियोजना के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त हाई पावर्ड कमिटी (एचपीसी) के अध्यक्ष ने शीर्ष अदालत को एक नया पत्र लिखकर एससी के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है और दोहराया है कि सड़क मंत्रालय को केवल एक मध्यवर्ती लेन हर जगह 5.5 मीटर ही होगी।
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सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की निगरानी समिति के अध्यक्ष रवि चोपड़ा के 5 अक्टूबर को लिखे इस नए पत्र ने केंद्र और उत्तराखंड की सरकारों को कटघरे में खड़ा कर दिया है क्योंकि दोनों सरकारें बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के चार पवित्र स्थानों को सुचारू कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए परियोजना को पूरा करने के लिए काम कर रही हैं। चोपड़ा ने हाल के महीनों में सड़क परिवहन और पर्यावरण मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार को पत्र लिखकर चारधाम गलियारे की परियोजना पर नए सिरे से पहाड़ी काटने का आरोप लगाया है।
चोपड़ा ने कहा है कि "चारधाम मार्ग के दौरान अकेले 5.5 मीटर की मध्यवर्ती लेन" का पालन किया जाना चाहिए और जहाँ अधिक पहाड़ी कटाई की गई है, वहां हिमालयी भूभाग की सुरक्षा के लिए वृक्षारोपण जैसे उपाय किए जाते हैं और "पदयात्रियों" और स्थानीय लोगों के लिए एक फुटपाथ की सिफारिश एचपीसी की ओर से की गई है।
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गौरतलब है कि चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना। केंद्र और राज्य सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट। केंद्र सरकार ने साल 2016 में उत्तराखंड के चारों धामों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए इस परियोजना की शुरुआत की थी। साल 2021 में होने वाले हरिद्वार महाकुंभ से पहले परियोजना का काम पूरा करने की बात कही जा रही थी।
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