आंकड़े छिपाने के आरोपों पर चिदंबरम का साधा मोदी सरकार पर निशाना
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में पत्रकार आतिश तासीर तथा एमनेस्टी इंडिया के प्रमुख आकार पटेल से लड़ाई से हाथ पीछे नहीं खींचने को भी कहा।
नयी दिल्ली। उपभोक्ता खर्च पर आंकड़े दबाने के आरोपों के मद्देनजर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने रविवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सूचना का अधिकार है जिसका सरकार पालन करती है।
पिछले साल, रोजगार का डेटा दबा दिया गया था। अब, उपभोग के आंकड़ों को दबाया जा रहा है।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 17, 2019
यह सरकार द्वारा पालन किया जाने वाला सूचना का अधिकार है।
चिदंबरम का यह बयान उस खबर के बाद आया है जिसमें राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा कराये गये ताजा उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण का हवाला देते हुए दावा किया गया कि 2017-18 में चार दशक से अधिक समय में पहली बार उपभोक्ता खर्च में गिरावट आई है जिसकी मुख्य वजह ग्रामीण क्षेत्र में कम होती मांग है। खबर में यह दावा भी किया गया कि एनएसओ की रिपोर्ट इस साल 19 जून को जारी करने के लिए स्वीकृति दी गयी थी लेकिन सरकारी एजेंसी ने प्रतिकूल आंकड़ों के कारण इसे रोक लिया। भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामलों में जेल में बंद चिदंबरम ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘पिछले साल रोजगार पर आंकड़े छिपाये गये। अब उपभोक्ता खर्च पर आंकड़ों को दबाया जा रहा है। यह सूचना का अधिकार है जिसे सरकार निभाती है।’’
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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में पत्रकार आतिश तासीर तथा एमनेस्टी इंडिया के प्रमुख आकार पटेल से लड़ाई से हाथ पीछे नहीं खींचने को भी कहा। चिदंबरम की ओर से उनके परिवार ने ट्वीट किया, ‘‘आतिश तासीर और आकार पटेल निश्चिंत रहें। धमकाने में न आएं, लड़ाई नहीं छोड़ें।’’ गृह मंत्रालय ने पिछले सप्ताह ब्रिटिश लेखक तासीर का ओसीआई कार्ड निरस्त करते हुए कहा था कि उन्होंने अपने पिता के पाकिस्तानी होने के तथ्य को छिपाया।आलोचकों ने इस पर विरोध जताते हुए कहा कि टाइम पत्रिका में ‘डिवाइडर इन चीफ’ शीर्षक से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाले लेख के लिए तासीर को निशाना बनाया जा रहा है। सीबीआई ने शुक्रवार को एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया और उसके तीन सहयोगी संगठनों के खिलाफ 36 करोड़ रुपये के विदेशी चंदे से संबंधित मामले में कानून के कथित उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया था।
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