पुरानी परम्परा को समाप्त करने पर बोले मुख्य आर्थिक सलाहकार, ये बजट नहीं है बल्कि ''बही-खाता'' है

chief-financial-advisor-krishnamurthy-subramanian-speaks-on-bahi-khata

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बताया कि यह एक भारतीय परम्परा है। ये हमारे पश्चिमी विचारों से बाहर निकलने का प्रतीक है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि ये बजट नहीं है बल्कि ''बही-खाता'' है।

नई दिल्ली। पुरानी परम्परा को मोदी कार्यकाल 2.0 में छोड़कर नए अध्याय को जोड़ा जा रहा है। देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब वित्त मंत्रालय से बाहर निकलीं तो उनके हाथों में पारंपरिक बजट ब्रीफकेस की बजाए खाता बही नजर आया, जिसमें अशोक स्तंभ बना हुआ था। इस नई परम्परा की शुरुआत पर एक निजी चैनल ने मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम से बातचीत की।

इसे भी पढ़ें: ब्रीफकेस में बजट लाने की परंपरा टूटी, निर्मला के हाथों में नजर आया लाल रंग का फोल्डर

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बताया कि यह एक भारतीय परम्परा है। ये हमारे पश्चिमी विचारों से बाहर निकलने का प्रतीक है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि ये बजट नहीं है बल्कि 'बही-खाता' है। आपको बता दें कि निर्मला सीतारमण को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बजट पेश करने की अनुमति प्रदान कर दी है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़