लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि, पार्टी और परिवार को साथ रखने में असफल रहा: चिराग पासवान

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के छह लोकसभा सदस्यों में से पांच ने, दल के मुखिया चिराग पासवान को संसद के निचले सदन में पार्टी के नेता के पद से हटाने के लिए हाथ मिला लिया है और उनकी जगह उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को इस पद के लिए चुन लिया है।
लोक जनशक्ति पार्टी में मची टूट के बाद चिराग पासवान ने अपनी बात रखी है। चिराग पासवान ने ट्वीट कर कहा कि पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए किए मैंने प्रयास किया लेकिन असफल रहा। पार्टी माँ के समान है और माँ के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूँ। चिराग ने अपनी ट्वीट के साथ एक खत भी साझा किया है।
आपको बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के छह लोकसभा सदस्यों में से पांच ने, दल के मुखिया चिराग पासवान को संसद के निचले सदन में पार्टी के नेता के पद से हटाने के लिए हाथ मिला लिया है और उनकी जगह उनके चाचा पशुपति पारस को इस पद के लिए चुन लिया है। लोकसभा सचिवालय ने सोमवार शाम को पारस को सदन में लोजपा के नेता के रूप में मान्यता दी।पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए किए मैंने प्रयास किया लेकिन असफल रहा।पार्टी माँ के समान है और माँ के साथ धोखा नहीं करना चाहिए।लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूँ। एक पुराना पत्र साझा करता हूँ। pic.twitter.com/pFwojQVzuo
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) June 15, 2021
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