गिरजाघर ने पेश की सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल, नमाज अदा करने के लिए खोले दरवाजे
केरल के कोथामंगलम में एक गिरजाघर ने सांप्रदायिक सौहार्द की ऐतिहासिक मिसालपेश करते हुए अपने दरवाजे सीएए विरोधी प्रदर्शनों में भाग ले रहे सैकड़ों मुसलमानों के लिये खोले ताकि वे नमाज अदा कर सकें। एआईपीसी नेता ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोगों को नमाज पढ़ने में देरी न हो, इसके लिये गिरजाघर के प्राधिकारियों से संपर्क किया गया।
कोच्चि। केरल के कोथामंगलम के निकट एक गिरजाघर ने सांप्रदायिक सौहार्द की ऐतिहासिक मिसाल पेश करते हुए अपने दरवाजे सीएए विरोधी प्रदर्शनों में भाग ले रहे सैकड़ों मुसलमानों के लिये खोल दिये ताकि वे नमाज अदा कर सकें। नमाज पढ़ाने वाले केरल के मुसलमानों के प्रभावशाली धर्मगुरू सैयद मुनव्वर अली शहाब थांगल ने बताया, कोथामंगलम में प्राचीन गिरजाघर के अधिकारियों ने जब हमें मगरिब की नमाज अदा करने के लिये जगह दी तो मैंने भारत की वास्तविक आत्मा को महसूस किया।
इसे भी पढ़ें: केजरीवाल कास्त्रो, ग्वेरा की तरह नहीं हैं जैसा पहले लोगों ने समझ लिया था: जावड़ेकर
ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस (एआईपीसी) की केरल शाखा द्वारा आयोजित सेक्यूलर मार्च जब चेरिया पल्ली नाम से मशहूर गिरजाघर के निकट पहुंचा तो मगरिब (सूर्यास्त के ठीक बाद होने वाली नमाज) की नमाज पढ़ने के लिये कहा गया। एआईपीसी नेता मैथ्यू कुझालनादन ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोगों को नमाज पढ़ने में देरी न हो, इसके लिये गिरजाघर के प्राधिकारियों से संपर्क किया गया और उसने गिरजाघर के परिसर में नमाज अदा करने का अनुरोध किया गया।
इसे भी पढ़ें: सीएए किसी भी भारतीय नागरिक के खिलाफ नहीं है: केंद्रीय मंत्री
उन्होंने कहा कि गिरजाघर के प्राधिकारियों ने तुरंत दरवाजे खोलकर अपने मुसलमान भाईयों का खुले दिल से स्वागत किया। गिरजाघर के मुख्य पादरी ने नमाज के लिये चटाइयों और माइक का इंतजाम किया। ऑल इंडिया मुस्लिम लीग (आईयूएमएस) पर नियंत्रण रखने वाले पनक्कड़ थांगल परिवार के सदस्य सैयद मुनव्वर अली शहाब थांगल ने कहा, गिरजाघर के प्राधिकारियों ने जो शिष्टाचार दिखाया...उसने हमारे बीच एक अलग तरह की भावना पैदा की...इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। हमने धर्मनिरपेक्षता और भारत की आत्मा को महसूस किया।
अन्य न्यूज़