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दिल्ली में शीतलहर का प्रकोप, न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस पहुंचा
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 13, 2021 12:17
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि बर्फ से ढके पश्चिमी हिमालय से हवाओं के मैदानी इलाकों की ओर आने कारण दिल्ली में बुधवार को शीत लहर का कहर जारी रहेगा।
नयी दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि बर्फ से ढके पश्चिमी हिमालय से हवाओं के मैदानी इलाकों की ओर आने कारण दिल्ली में बुधवार को शीत लहर का कहर जारी रहेगा। इसके साथ ही न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आईएमडी के अनुसार, शहर के कुछ इलाकों में ‘‘घना’’ कोहरा छाने से दृश्यता 50 मीटर ही रह गई। आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केन्द्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि सफदरजंग वेधशाला ने शीत लहर की जानकारी दी। उसने न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री कम 3.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया।
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आईएमडी मैदानी इलाकों में तापमान के चार डिग्री सेल्सियस पर पहुंचने पर ही शीत लहर की घोषणा कर देता है। न्यूनतम तामपान के दो डिग्री सेल्सियस या उससे कम दर्ज किए जाने पर तीव्र शीत लहर की घोषणा की जाती है। श्रीवास्तव ने बताया कि पश्चिमी हिमालय से मैदानी इलाकों में आ रही ठंडी एवं शुष्क उत्तरी/उत्तर पश्चिमी हवाओं के कारण उत्तर भारत में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
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उन्होंने बताया कि अगले दो दिन भी शहर में ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी। आईएमडी ने बताया कि ‘घना’ कोहरा छाने के कारण पालम में दृश्यता 50 मीटर और सफदरजंग में 200 मीटर दर्ज की गई। आईएमडी के अनुसार शून्य से 50 मीटर के बीच दृश्यता होने पर कोहरा ‘बेहद घना’ , 51 से 200 मीटर के बीच ‘घना’, 201 से 500 के मीटर के बीच ‘मध्यम’ और 501 से 1000 के बीच दृश्यता होने पर कोहरे को ‘हल्का’ माना जाता है।
बर्फ से ढके पश्चिमी हिमालय से उत्तरी-पश्चिमी सर्द हवाओं के शनिवार से मैदानी इलाकों की ओर आने के साथ ही न्यूनतम तापमान में गिरावट आनी शुरू हो गई है। आईएमडी के अनुसार, मंगलवार को न्यूनूतम तापमान 4.8 डिग्री सेल्सियस,सोमवार को सात डिग्री सेल्सियस और रविवार को 7.8 डिग्री सेल्सियस रहा। शनिवार को न्यूनतम तापमान 10.8 डिग्री सेल्सियस, शुक्रवार को 9.6 डिग्री सेल्सियस और बृहस्पतिवार को 14.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो पिछले चार साल में जनवरी का सबसे अधिक तापमान है।
प्रधानमंत्री की गलत नीतियों के कारण देश में आर्थिक असमानता बढ़ी: कांग्रेस
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 25, 2021 16:30
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गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाली संस्था ‘ऑक्सफैम’ ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 35 प्रतिशत बढ़ गई, जबकि इस दौरान करोड़ों लोगों के लिए आजीविका का संकट पैदा हो गया।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने ‘ऑक्सफैम’ की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘गलत नीतियों एवं प्राथमिकताओं’ के कारण देश में आर्थिक असमानता बढ़ी है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी जी की ग़लत नीतियों और प्राथमिकताओं से देश में आर्थिक असमानता बढ़ी है। ऑक्सफैम की नयी रिपोर्ट के अनुसार मोदी जी के मित्रों व देश के सबसे अमीर अरबपतियों की संपत्ति 35 प्रतिशत बढ़ी, वहीं अप्रैल में हर घंटे 1.7 लाख लोगों ने अपनी नौकरी खोई !’’
उल्लेखनीय है कि गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाली संस्था ‘ऑक्सफैम’ ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 35 प्रतिशत बढ़ गई, जबकि इस दौरान करोड़ों लोगों के लिए आजीविका का संकट पैदा हो गया। ऑक्सफैम की रिपोर्ट ‘इनइक्वलिटी वायरस’ में कहा गया, ‘‘मार्च 2020 के बाद की अवधि में भारत में 100 अरबपतियों की संपत्ति में 12,97,822 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। इतनी राशि का वितरण यदि देश के 13.8 करोड़ सबसे गरीब लोगों में किया जाए, तो इनमें से प्रत्येक को 94,045 रुपये दिए जा सकते हैं।मोदी जी की ग़लत नीतियों और प्राथमिकताओं से देश में आर्थिक असमानता बढ़ी है।
ऑक्सफैम (Oxfam) की नई रिपोर्ट के अनुसार मोदी जी के मित्रों व देश के सबसे अमीर अरबपतियों की संपत्ति 35 प्रतिशत बढ़ी वहीं अप्रैल में हर घंटे 1.7 लाख लोगों ने अपनी नौकरी खोई !https://t.co/ldJ2vOHyMJ— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 25, 2021
क्या चीनी सैनिक की घर वापसी से कम होगा लद्दाख तनाव?
- अभिनय आकाश
- जनवरी 25, 2021 16:08
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9 जनवरी को भारतीय सेना ने लद्धाख के चुशूल सेक्टर के गुरुंग हिल के पास से एक चीनी सैनिक को अपने क्षेत्र से पकड़ा। उसने बताया कि वह गलती से भारतीय क्षेत्र में पहुच गया था। भारतीय सेना ने मिलिट्री प्रोफेशनलिज्म का परिचय देते हुए जरूरी फॉर्मेलिटीज करने के बाद चीनी जवान को वापस भेज दिया।
पूर्वी लद्दाख में तनाव को लेकर भारत और चीन के बीच रविवार को कमांडर स्तर की 9वें दौर की वार्ती हुई। यह मीटिंग चीनी सीमा रेखा में स्थित मोल्डो में हुई। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक भारत ने एक बार फिर चीन से पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाली जगहों से अपनी सेनाओं को पीछे हटाने का कहा, ताकि तनाव कम हो।वहीं सिक्कम से दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प की खबर आज सामने आई है। इस झड़प में चीन के 20 सैनिकों के घायल होने की भी खबर है। लेकिन संवाद और विवाद की दो अलग-अलग खबरों के बीच पिछले 8 महीने से लद्दाख में भारत और चीन के बीच चल रहे सैन्य गतिरोध के दौर में एक खबर ऐसी भी है जिससे प्रतीत होता दिख रहा है कि लद्दाख मसला अब नरमी से हल हो जाएगा। 9 जनवरी को भारतीय सेना ने लद्धाख के चुशूल सेक्टर के गुरुंग हिल के पास से एक चीनी सैनिक को अपने क्षेत्र से पकड़ा। उसने बताया कि वह गलती से भारतीय क्षेत्र में पहुच गया था। भारतीय सेना ने मिलिट्री प्रोफेशनलिज्म का परिचय देते हुए जरूरी फॉर्मेलिटीज करने के बाद चीनी जवान को वापस भेज दिया।
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इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य टेंशन कम हो जाएगा यह तो नही पता लेकिन इतना जरूर है कि भारत चीन के बीच जारी संवादों या फिर सैन्य कमांडरों के बीच चलने वाले हॉटलाइन पर इसका सकारात्मक संदेश जाएगा। सूत्रों की मानें तो दो देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति के बावजूद भारतीय सेना के इस पहल से चीनी सैन्य अधिकारियों पर सकारात्मक संदेश गया है। उन्होंने इसके लिए भारत का आभार भी जताया है। 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टीनेंट जेनरल पी जी के मेनन और दिल्ली के नेतृत्व ने यह फैसला लिया कि चीनी सैनिक को वापस भेज दिया जाए।
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11जनवरी को मोलडो क्रासिंग पर चीनी जवान को वापस सौप दिया गया। भारतीय सेना के इस कदम को सद्भावना वाले कदम के रूप में देखा जा रहा है। भारतीय सेना ने ऐसी ही सद्भावना पिछले साल अक्टूबर में भी दिखयी थी जब देमचोक सेक्टर से एक चीनी सिपाही पकड़ा गया था। चीन के अंदर सोशल मीडिया पर भी चीनी सैनिक की वापसी को काफी सराहा जा रहा है और इसपर गर्मजोशी से सकारात्मक चर्चा भी हो रही हैं। चीनी सेना ने ऑन रिकॉर्ड इस पहल के लिए भारीतय सेना की काफी प्रसंसा और सराहना की है। अब इस तरह की प्रसंसा का ग्राउंड पर कितना असर दिखेगा, यह अभी नही कहा जा सकता लेकिन भारतीय सेना ने अक्टूबर से जनवरी 2021 के दौरान अपने सद्भावना भरे कदमों से पीएलए को आश्चर्य चकित जरूर कर दिया।
आजाद मैदान की किसान रैली में शामिल हुए शरद पवार, बोले- राज्यपाल के पास किसानों से मिलने का वक्त नहीं
- अनुराग गुप्ता
- जनवरी 25, 2021 15:56
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मुंबई ने देश की आजादी की लड़ाई में आक्रामक भूमिका निभाई, मुंबई में मजदूर वर्ग एकजुट होकर महाराष्ट्र की मांग के लिए सड़कों पर उतरे, इस बार किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए महाराष्ट्र के सभी कोनों से लोग मुंबई आए हैं।
मुंबई। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को मुंबई के आजाद मैदान की रैली में शामिल होने के लिए महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों से हजारों की संख्या में किसान पहुंचे हैं। इन किसानों को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने संबोधित किया। शरद पवार के साथ किसानों के प्रदर्शन में महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट भी शामिल हुए।
महाराष्ट्र: मुंबई के आजाद मैदान में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने किसानों के प्रदर्शन में भाग लिया। https://t.co/3igfiBtNk5 pic.twitter.com/HUJLEgcUNn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 25, 2021
शरद पवार ने कहा कि मुंबई ने देश की आजादी की लड़ाई में आक्रामक भूमिका निभाई, मुंबई में मजदूर वर्ग एकजुट होकर महाराष्ट्र की मांग के लिए सड़कों पर उतरे, इस बार किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए महाराष्ट्र के सभी कोनों से लोग मुंबई आए हैं। दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के बारे में पवार ने कहा कि यह आंदोलन देश के अबतक के इतिहास का किसी भी विवाद के बिना लंबे समय तक चलने वाला आंदोलन है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शरद पवार ने कंगना रनौत के नाम का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास कंगना रनौत से मिलने का समय है लेकिन उनके पास किसानों से मिलने का वक्त नहीं है। बता दें कि किसान राजभवन तक मार्च निकालने वाले थे लेकिन उन्हें मुंबई पुलिस ने मार्च करने की इजाजत नहीं दी। जिसके बाद अब किसानों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात के लिए राजभवन जाएगा।
"पंतप्रधान मोदीसाहेब आपण शरद पवार साहेबांचा हात पकडून बारामतीला गेलात, मग कृषी कायदा करताना एकदा तरी पवार साहेबांसोबत बोलायचं." - मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टीचे नेते नरसय्या आडम मास्तर यांची केंद्र सरकारवर टीका#MahaWithFarmers #FarmersProtests @PawarSpeaks pic.twitter.com/E6WJ2MJ59r
— NCP (@NCPspeaks) January 25, 2021

