मेडिकल कॉलेजों में रिक्त पदों के मुद्दे को गंभीरता से लिया गया है: आयोग

National Medical Commission
प्रतिरूप फोटो

एनएमसी के सदस्य प्रोफेसर जी सूर्यनारायण राजू ने 11 अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा, हमने यह पाया है कि डॉक्टरों के शिक्षण और प्रशिक्षण के मानक को बरकरार रखने के विभागों के पास आवश्यक और जरूरीउपकरणों की कमी है। एनएमसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्य सचिवों की होने वाली बैठक के दौरान इस मुद्दे कोउठाएगा।

नयी दिल्ली| राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने बुधवार को कहा कि सरकार ने सार्वजनिक मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में रिक्त पदों के मुद्दे को गंभीरता से लिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्य सचिवों की होने वाली बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाया जाएगा।

एनएमसी के चिकित्सा मूल्यांकन और रेटिंग बोर्ड ने सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों के संबंधित प्रभारी को लिखे पत्र में कहा है कि उन्होंने पाया है कि उनके कई विभाग कई वर्षों से खाली हैं। एनएमसी के सदस्य प्रोफेसर जी सूर्यनारायण राजू ने 11 अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा, कॉलेज/संस्थान शिक्षकों की आवश्यक योग्यता के बिना ही स्नातक, स्नातकोत्तर और सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन कर रहे हैं।

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हमने यह भी पाया है कि डॉक्टरों के शिक्षण और प्रशिक्षण के मानक को बरकरार रखने के विभागों के पास आवश्यक और जरूरी उपकरणों की कमी है। ऐसे में एनएमसी ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों व संस्थानों के डीन/प्रधानाचार्य/निदेशक को उनके यहां कर्मचारियों के रिक्त पदों और उपकरणों की कमी के मुद्दों को 24 घंटे के अंदर उठाने का अनुरोध किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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