आयोगों में पद रिक्त रहने को लेकर राज्यसभा में हंगामा

अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग सहित विभिन्न आयोगों में उनके सदस्यों के पदों के खाली रहने पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक आज भोजनावकाश से पहले लगातार बाधित रही।
अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग सहित विभिन्न आयोगों में उनके सदस्यों के पदों के खाली रहने पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक आज भोजनावकाश से पहले लगातार बाधित रही। हंगामे के कारण तीन बार के स्थगन के बाद बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सरकार की ओर से हालांकि कहा गया कि रिक्त पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया जारी है और पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के चलते लागू आचार संहिता की वजह से नियुक्ति प्रक्रिया में देर हुई। लेकिन कांग्रेस, सपा, बसपा और जदयू के सदस्यों ने आसन के समक्ष आ कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सभी आयोग काम कर रहे हैं और रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया जारी है। उप सभापति पीजे कुरियन ने हंगामा कर रहे सदस्यों को शांत करते हुए कहा कि मंत्री ने वादा किया है कि रिक्तियां शीघ्र भरी जाएंगी। लेकिन नायडू ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कहा है कि रिक्तियों को समय के साथ भरा जाएगा। हंगामे के कारण कुरियन ने पहले बैठक को दस मिनट के लिए और फिर दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित किया। सुबह बैठक शुरू होने पर उप सभापति पीजे कुरियन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उसी दौरान कुछ विपक्षी सदस्यों ने कहा कि उन्होंने नोटिस दिए हैं। उप सभापति कुरियन ने सपा के रामगोपाल यादव को अपनी बात रखने की अनुमति देते हुए कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत नोटिस दिया है जिसे स्वीकार नहीं किया गया है। लेकिन चूंकि यादव ने नोटिस दिया है इसलिए उन्हें उनका मुद्दा उठाने की अनुमति दी जा रही है। यादव ने कहा कि पहले भी यह मुद्दा उठाया गया है और अब यह व्यापक रूप ले चुका है। उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग और अल्पसंख्यक आयोग में कई पद रिक्त पड़े हैं और उन पर नियुक्तियां नहीं की जा रही हैं। करीब 80 से 85 फीसदी आबादी राहत के लिए बाट जोह रही है।
यादव ने कहा कि यह बात सभी जानते हैं कि सरकार किन जातियों को पिछड़ा वर्ग से बाहर निकालने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि इतने साल से देश में आरक्षण व्यवस्था होने के बावजूद कोटा पूरा नहीं हो पाया और अनुसूचित जातियों, जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्गो के लिए आरक्षित पद रिक्त ही रहे। लगभग सभी विभागों में यही हाल है। सरकार बताए कि आरक्षित श्रेणी के कितने पद सरकारी विभागों में रिक्त हैं। बसपा नेता मायावती ने कहा कि देश की आबादी में अपनी 80 से 85 फीसदी की मौजूदगी दर्शाने वाले अनुसूचित जति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की लंबे संघर्ष के बाद उनके हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए आयोगों का गठन हुआ। लेकिन इस सरकार ने सभी आयोगों को ठंडे बस्ते में डाल रखा है।
मायावती ने कहा कि आयोगों में पद रिक्त पड़े हैं और उन पर लंबे समय से भर्ती नहीं की गई है। बसपा नेता ने जानना चाहा कि आखिर इन आयोगों में रिक्त पड़े पदों पर नियुक्तियां क्यों नहीं की जा रही हैं और कब तक इन पदों को भरा जाएगा। बसपा नेता ने कहा कि इन पदों को भरने के लिए समय सीमा तय की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या इन आयोगों को सरकार खत्म कर रही है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने के लिए उठे लेकिन विपक्षी सदस्यों ने कहा कि पहले अन्य दलों के नेताओं को बोलने की अनुमति देनी चाहिए। कुरियन ने कहा कि सदस्यों के मुद्दा उठाने पर मंत्री को हस्तक्षेप करने का अधिकार है। उन्होंने नायडू से अपनी बात रखने को कहा। लेकिन विपक्षी सदस्य तब तक सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए आसन के समक्ष आ गए।
उन्होंने कहा ‘‘सभी आयोग काम कर रहे हैं। रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया जारी है। रिक्तियों को भरा जाएगा।’’ संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार पर आरोप लगाने वाले सदस्य यह बताएं कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में आयोगों में कितने पद रिक्त थे और कब इन पर नियुक्तियां की गईं। उन्होंने कहा कि अगर सदस्य चाहें तो इस मुद्दे पर चर्चा करा लें। कुरियन ने आसन के समक्ष हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने को कहा। सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने करीब सवा ग्यारह बजे बैठक को दस मिनट के लिए स्थगित कर दिया। बैठक पुन: शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने फिर यह मुद्दा उठाया। कुरियन ने कहा कि महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया गया और दो वरिष्ठ सदस्यों ने इस पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि उन्हें पता है कि अन्य सदस्य भी इस पर बोलना चाहते हैं। उन्होंने कहा ‘‘मैं नियम जानता हूं। मैंने किसी को भी बोलने से नहीं रोका है। मंत्री के स्पष्टीकरण के बाद आप लोगों की कुछ चिंताओं का समाधान हो जाएगा।’’ कुरियन ने कहा कि मंत्री ने वादा किया है कि रिक्तियां शीघ्र भरी जाएंगी। लेकिन नायडू ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कहा है कि रिक्तियों को समय के साथ भरा जाएगा। नायडू ने यह भी कहा कि सरकार के इरादों पर सवाल खड़े करने वाले आरोप नहीं लगाए जाने चाहिए।
जदयू के शरद यादव ने भी नियम 267 के तहत नोटिस दिया था। कुरियन ने उन्हें अपनी बात रखने के लिए कहा। लेकिन यादव के बोलने से पहले ही सत्ता पक्ष के कुछ सदस्य नारे लगाने लगे। इस पर विरोध जताते हुए विपक्षी सदस्य आसन के समक्ष आ गए। हंगामे के कारण कुरियन ने 11 बज कर करीब 35 मिनट पर बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
अन्य न्यूज़