Prabhasakshi NewsRoom: Adani Group पर लगे आरोपों की जांच SEBI, RBI से करवायी जायेः कांग्रेस
अडाणी समूह ने कहा है कि वह अपनी प्रमुख कंपनी के शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के तहत ‘बिना सोचे-विचारे’ काम करने के लिये हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ ‘दंडात्मक कार्रवाई’ को लेकर कानूनी विकल्पों पर गौर कर रहा है।
अडाणी समूह के बारे में सामने आई एक विदेशी कंपनी की रिपोर्ट को लेकर देश में नया विवाद खड़ा हो गया है। जहां अडाणी समूह ने इस रिपोर्ट को गलत बताया है वहीं कंपनी अपनी रिपोर्ट में कही गयी बातों पर अडिग है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने इस मामले में गहन जांच की मांग कर दी है। इसी के साथ ही अडाणी समूह को लेकर सोशल मीडिया पर भी तमाम प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। हम आपको बता दें कि अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह पर ‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। इस आरोप के बाद विविध कारोबार से जुड़े अडाणी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में इस सप्ताह बड़ी गिरावट आई।
उधर, अडाणी समूह ने कहा है कि वह अपनी प्रमुख कंपनी के शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के तहत ‘बिना सोचे-विचारे’ काम करने के लिये हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ ‘दंडात्मक कार्रवाई’ को लेकर कानूनी विकल्पों पर गौर कर रहा है। वहीं हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है। इस बीच, कांग्रेस ने मांग की है कि अडाणी समूह पर लगे आरोपों की जांच आरबीआई और सेबी को करनी चाहिए। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा है कि इस मामले में गहन जांच की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश के कई वित्तीय संस्थानों और बैंकों ने अडाणी समूह में निवेश किया हुआ है इसलिए सच सामने आना चाहिए।
उधर, रिपोर्ट को लेकर अडाणी समूह और हिंडनबर्ग के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। यह रिपोर्ट जारी होने के एक दिन बाद अडाणी समूह ने संक्षिप्त बयान जारी करते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी। उसके कुछ ही घंटे बाद ही हिंडनबर्ग ने ट्विटर पर लिखा कि अडाणी समूह ने रिपोर्ट में उठाये गए 88 सीधे सवालों में से किसी का भी जवाब नहीं दिया है। हिंडनबर्ग ने यह भी कहा कि अगर अडाणी समूह गंभीर है, तो उसे अमेरिका में भी मुकदमा दायर करना चाहिए जहां हम काम करते हैं। उसने कहा कि हमारे पास कानूनी प्रक्रिया के दौरान मांगे जाने वाले दस्तावेजों की एक लंबी सूची है।
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उधर, अडाणी समूह के विधि मामलों के प्रमुख जतिन जलुंधवाला ने कहा, ‘‘हिंडनबर्ग रिसर्च ने गलत इरादे से बिना कोई शोध और पूरी जानकारी के समूह के खिलाफ 24 जनवरी, 2023 को रिपोर्ट प्रकाशित की। इससे अडाणी समूह, हमारे शेयरधारकों और निवेशकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। भारतीय शेयर बाजार में रिपोर्ट के जरिये जो उतार-चढ़ाव आया, वह काफी चिंता की बात है...।’’ उन्होंने कहा कि रिपोर्ट और उसकी निराधार बातें कुछ और नहीं बल्कि अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतों को नुकसान पहुंचाने के लिये तैयार की गयी थीं। जतिन जलुंधवाला ने कहा, ‘‘एक विदेशी इकाई ने जानबूझकर और बिना सोचे-विचारे निवेशक समुदाय और आम लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया है। उसने अडाणी समूह, उसके नेतृत्व की साख को बट्टा लगाने के साथ हमारी प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के एफपीओ (अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम) की बिक्री को नुकसान पहुंचाने का काम किया है। हम उसकी इन हरकतों से काफी परेशान हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ अमेरिकी और भारतीय कानून के तहत निपटने और दंडात्मक कार्रवाई पर गौर कर रहे हैं।’’
इससे पहले बुधवार को अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी ने कहा कि उसके दो साल के शोध के बाद यह पता चला कि अडाणी समूह दशकों से ‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है। यह रिपोर्ट अडाणी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) के आवेदन के लिये खुलने से ठीक पहले आयी। इस रिपोर्ट के बाद समूह की सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई। उधर, हिंडनबर्ग ने बयान में कहा, ‘‘हमें अपनी रिपोर्ट जारी किये कई घंटे हो गये हैं, लेकिन अडाणी ने एक भी मामले का जवाब नहीं दिया, जिसे हमने उठाया है।’’ हिंडनबर्ग ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है। उसे पूरा विश्वास है कि अगर कोई कानूनी कार्रवाई की जाती है, उसमें कोई दम नहीं होगा।
उधर, रिपोर्ट आने के बाद बंदरगाह से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में काम कर रहे अडाणी समूह ने एक बयान में कहा था, ‘‘रिपोर्ट कुछ और नहीं बल्कि चुनिंदा गलत और निराधार सूचनाओं को लेकर तैयार की गयी है और जिसका मकसद पूरी तरीके से दुर्भावनापूर्ण है।'' अडाणी समूह ने कहा कि जिन बातों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गयी है, उसे भारत की अदालतें भी खारिज कर चुकी हैं। हम आपको बता दें कि अडाणी समूह ने रिपोर्ट के समय को लेकर भी सवाल उठाया है। उसने कहा कि एफपीओ से ठीक पहले जारी रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि दुर्भावनापूर्ण इरादे से इसे लाया गया है जिसका मकसद अडाणी समूह के साख को बट्टा लगाना है।
-नीरज कुमार दुबे
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