पम्बा, निलक्कल में प्रदर्शन में अयप्पा श्रद्धालुओं के साथ कांग्रेस, BJP भी शामिल

पम्बा। सबरीमला मुद्दे पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के विरोध प्रदर्शन के बीच विपक्षी दल भाजपा और कांग्रेस भी पम्बा तथा निलक्कल में बुधवार को प्रदर्शन में शामिल हो गयीं। मंदिर के लिए ये दोनों स्थान प्रवेश द्वार हैं। सभी उम्र वर्ग की महिलाओं को भगवान अयप्पा के मंदिर में प्रवेश देने के मुद्दे के राजनीतिक रंग लेने के साथ ही भाजपा और कांग्रेस ने श्रद्धालुओं का समर्थन किया है। श्रद्धालु माकपा नीत एलडीएफ सरकार के निर्णय का विरोध कर रहे हैं जो उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू कर रही है। श्रद्धालुओं की मांग है कि सरकार समीक्षा याचिका दायर करे।
भगवान अयप्पा का मंदिर आज शाम पांच दिवसीय मासिक पूजा के लिए खुलने वाला है जिसके बाद पम्बा और निलक्कल में विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया है। उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद पहली बार मंदिर खुल रहा है। वाम मोर्चा की सरकार ने आंदोलन को राजनीतिक रूप से प्रेरित करार दिया। पुलिस ने पम्बा में विरोध कर रहे तांत्री (मुख्य पुजारी) परिवार के सदस्यों को वहां से हटा दिया। हटाए जाने वाले सदस्यों में बुजुर्ग महिलाएं और शाही परिवार के सदस्य भी शामिल थे। प्रदर्शनकारी अयप्पा के मंत्रों का जाप कर रहे थे।
हटाए जाने के बाद भाजपा नेताओं के समूह ने उसी स्थान पर ‘नामजपा’ (प्रार्थना) शुरू कर दी। प्रार्थना सभा का नेतृत्व करने वालों में भाजपा के राज्य महासचिव के सुंरेंद्रन, एम टी रमेश और शोभा सुरेंद्रन शामिल थे। राज्य कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के. सुधाकरण ने निलक्कल में विरोध कर रहे लोगों का नेतृत्व किया और श्रद्धालुओं के साथ एकजुटता दिखाई।
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