राज्यसभा में कांग्रेस ने लगाया आरोप, सरकार पूंजीपतियों के पक्ष में काम कर रही

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राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार पूंजीपतियों के पक्ष में काम कर रही है और नए खान विधेयक के जरिए वह राज्यों के अधिकार अपने हाथों में लेने के प्रयास में लगी है।

नयी दिल्ली। राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार पूंजीपतियों के पक्ष में काम कर रही है और नए खान विधेयक के जरिए वह राज्यों के अधिकार अपने हाथों में लेने के प्रयास में लगी है। उच्च सदन में खनन और खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक, 2021 पर हुयी चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि खनिज संसाधन व्यापक विषय है और करीब एक करोड़ लोग इस क्षेत्र से जुड़े हैं। लेकिन सरकार ने राष्ट्रीय नीति बनाते समय इस पर पर्याप्त चर्चा नहीं करायी।

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न्होंने कहा कि संसद में भी उस नीति पर चर्चा नहीं हुयी। सिंह ने कहा कि यह विडंबना है कि जहां सबसे ज्यादा खनिज संसाधन हैं, वहीं सबसे ज्यादा गरीब हैं और उनमें भी अधिकतर आदिवासी हैं। उन्होंने विभिन्न रिपोर्टों का जिक्र करते हुए कहा कि ओड़िशा झारखंड आदि राज्यों के कई जिलों में आबादी के बड़े हिस्से की आय पांच हजार रूप से भी कम है जबकि वे इलाके खनिज संसाधनों से संपन्न हैं। सिंह ने कहा कि यह एक मुद्दा है और नए कानून बनाते समय गरीबों, मजदूरों और आदिवासी लोगों के हितों पर भी चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार पूंजीपतियों के पक्ष में काम कर रही है और राज्यों का अधिकार छीनने में लगी है। कांग्रेस नेता सिंह ने दावा किया कि ‘एक राष्ट्र, एक पार्टी, एक नेता ’ ध्येय वाली यह सरकार सदन ही नहीं देश को भी गुमराह कर रही है।

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उन्होंने इस विधेयक को सदन की प्रवर समिति में भेजने की मांग करते हुए एक संशोधन भी पेश किया। उन्होंने कहा कि कृषि से संबंधित विधेयकों को विस्तृत चर्चा के लिए अगर प्रवर समिति में भेजा जाता तो आज किसानों को आंदोलन करने की जरूरत नहीं आती। सिंह ने कहा कि यह सरकार खानों के आवंटन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का दावा करती रही है लेकिन प्रतिस्पर्धी निविदा का प्रस्ताव मनमोहन सिंह की तत्कालीन सरकार ने ही किया था लेकिन उस समय भाजपा शासित राज्य सरकारों ने विरोध किया था। इससे पहले खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने खान और खनिज विधेयक चर्चा के लिए रखा और कहा कि इसका मकसद खदानों की नीलामी एवं आवंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना एवं कारोबार के अनुकूल माहौल तैयार करना है।

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