कांग्रेस ने नगालैंड में हुई गोलीबारी की घटना को लेकर गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा

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रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है, इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने एक बार फिर बड़े पैमाने पर खुफिया विफलता को प्रदर्शित किया है,लिहाजा यह गृह मंत्रालय की विफलता है। इसके अलावा, गृह मंत्री नगालैंड की स्थिति पर ध्यान देने के बजाय राजस्थान में राजनीतिक सभाओं को संबोधित कर रहे थे। यह पूर्वोत्तर के प्रतिकेंद्र के सौतेले व्यवहार को दर्शाता है।

नयी दिल्ली|  कांग्रेस ने नगालैंड में हुई गोलीबारी की घटना को लेकर रविवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की। साथ ही

पार्टी ने पीड़ितों को मुआवजा देने और गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश के नेतृत्व में स्वतंत्र जांच कराने की भी मांग की।

कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल इस महीने की शुरुआत में हुई घटना में घायल हुए लोगों के संबंधियों से मिलने डिब्रूगढ़ मेडिकल कॉलेज गयाथा, जिसने अपनी रिपोर्ट पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को सौंपी है।

रिपोर्ट सौंपे जाने के एक दिन बाद कांग्रेस ने यह मांग की है। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस महासचिव जितेंद्र सिंह, पार्टी के नगालैंड प्रभारी अजॉय कुमार और सांसद गौरव गोगोई शामिल थे।

कुमार ने यहां संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर गांधी को सौंपी गई रिपोर्ट के निष्कर्षों और विषयवस्तु के बारे में जानकारी साझा की।

नगालैंड के मोन जिले में 4-5 दिसंबर को सुरक्षा बलों ने गलती से आम नागरिकों पर गोलियां चला दी थीं, जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई थी और 11 लोग घायल हो गए थे। इसके बाद हुए दंगे में एक सैनिक की मौत हुई थी। गृह मंत्री अमित शाह ने नगालैंड गोलीबारी घटना पर दुख जताते हुए संसद में कहा था कि विशेष जांच दलएक महीने में मामले की जांच पूरी करेगा और सभी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इस प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिये।

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने अपनी रिपोर्ट में शाह का इस्तीफा मांगते हुए आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर मेंभाजपा की नाकाम नीतियों के चलते नगालैंड की घटना हुई।

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है, इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने एक बार फिर बड़े पैमाने पर खुफिया विफलता को प्रदर्शित किया है,लिहाजा यह गृह मंत्रालय की विफलता है। इसके अलावा, गृह मंत्री नगालैंड की स्थिति पर ध्यान देने के बजाय राजस्थान में राजनीतिक सभाओं को संबोधित कर रहे थे। यह पूर्वोत्तर के प्रतिकेंद्र के सौतेले व्यवहार को दर्शाता है।

कुमार ने शाह पर झूठे बयान देने और लोकसभा में झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि शाह के बयान जमीन पर मौजूद जानकारी के विपरीत और पूरी तरह से झूठे थे।

कुमार ने कहा कि लोगों पर बिना चेतावनी गोली चलाई गई। उन्होंने यह भी मांग की कि हिंसा के पीड़ितों को केंद्र सरकार द्वारा मृतकों के परिवारों को एक एक करोड़ रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए।

उन्होंने कहा कि घायलों को कम से कम 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिये। पार्टी ने अपनी रिपोर्ट में गुवाहाटी उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश द्वारा मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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