आपसी मतभेद से केरल में जनाधार खो रही कांग्रेस: एंटनी

कोच्चि। केरल में आपसी मतभेद की वजह से कांग्रेस के अपना जनाधार खोने पर अफसोस जताते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने पार्टी में पीढ़ीगत बदलाव की वकालत की और कहा कि जो लोग संगठन से दूर हो रहे हैं, उन्हें वापस लाने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने आगाह किया कि कांग्रेस पार्टी को कमजोर करने के प्रयास के तहत भाजपा और माकपा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और उसके घटक दलों को जीतने की कोशिश कर सकती हैं।
उन्होंने कहा, ''पार्टी नेतृत्व में पीढ़ीगत बदलाव की आवश्यकता है। हमारे जनाधार में रिसाव हो रहा है। हमें इसको समझना चाहिए। उन लोगों को वापस लाने का प्रयास किया जाना चाहिए जो पार्टी से दूर हो रहे हैं।’’ उन्होंने पार्टी नेताओं से आपसी मतभेद को रोकने और उन कार्यकर्ताओं को वापस लाने के लिए काम करने का आह्वान किया जो कांग्रेस से दूर हो गए हैं। ‘राजीव गांधी सद्भावना संगमम’ को संबोधित करते हुए एंटनी ने कहा कि अगर कांग्रेस आपस में लड़ने वाले लोगों का अड्डा बनी रही तो लोगों की वापसी की बमुश्किल ही गुंजाइश है, जो पार्टी से दूरी रख रहे हैं। यह कार्यक्रम राजीव गांधी की 72वीं वर्षगांठ पर केपीसीसी ने आयोजित किया था।
एंटनी ने कहा, ‘‘हमें उन्हें उम्मीद देनी चाहिए। राज्य में कांग्रेस नेतृत्व का सिर्फ फोटो सेशन कांग्रेस को बचाने में मदद नहीं करेगा।’’ इस साल मई में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नीत यूडीएफ की हार के बावजूद केरल में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के बीच अंतर्कलह का उल्लेख करते हुए एंटनी ने कहा, ‘‘मेरा इसमें विश्वास नहीं है।’’ भाजपा के कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का प्रयास करने और कम्युनिस्टों के राज्य में यूडीएफ को तोड़ने का प्रयास करने के लिए काम करने पर गौर करते हुए एंटनी ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को इस खतरे को पहचानना चाहिए और पार्टी को तबाही से बचाने के लिए प्रयास करना चाहिए। बाद में संवाददाताओं से बातचीत में एंटनी ने कहा कि उनका आशय यह नहीं था कि समूचा नेतृत्व बदला जाना चाहिए, बल्कि पार्टी नेतृत्व में युवाओं और महिलाओं का अधिक प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।
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