चुनाव आयुक्त Arun Goel के इस्तीफे पर Congress नेताओं ने उठाए सवाल, लोकतंत्र के लिए बताया चिंताजनक
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि अगर संस्थाओं की बर्बादी को नहीं रोका गया तो लोकतंत्र पर तानाशाही का कब्जा हो जाएगा। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, भारत में अब केवल एक चुनाव आयुक्त है, जबकि कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनावों की घोषणा होनी है।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे को भारतीय लोकतंत्र के लिए चिंताजनक करार देते हुए शनिवार को कहा कि इस घटनाक्रम के बारे में स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि अगर संस्थाओं की बर्बादी को नहीं रोका गया तो लोकतंत्र पर तानाशाही का कब्जा हो जाएगा। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, भारत में अब केवल एक चुनाव आयुक्त है, जबकि कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनावों की घोषणा होनी है। क्यों?
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने पहले कहा है, यदि हम अपने स्वतंत्र संस्थाओं की सुनियोजित बर्बादी को नहीं रोकते हैं, तो तानाशाही द्वारा हमारे लोकतंत्र पर कब्ज़ा कर लिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि निर्वाचन आयोग अब ध्वस्त होने वाली आखिर की संवैधानिक संस्थाओं में से एक होगी।’’ खरगे ने कहा, ‘‘मोदी सरकार को इन सवालों का जवाब देना चाहिए और उचित स्पष्टीकरण देना चाहिए।’’ कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने भी कहा कि निर्वाचन आयोग के कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित की जानी चाहिए। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने 2024 के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की संभावित घोषणा से कुछ दिन पहले शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया। गोयल का कार्यकाल दिसंबर 2027 तक था। फरवरी में अनूप पांडे की सेवानिवृत्ति और गोयल के इस्तीफे के बाद, तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हैं।
Election Commission or Election OMISSION?
— Mallikarjun Kharge (@kharge) March 9, 2024
India now has only ONE Election Commissioner, even as Lok Sabha elections are to be announced in few days. Why?
As I have said earlier, if we do NOT stop the systematic decimation of our independent institutions, our DEMOCRACY shall…
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वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सेहत के लिए यह बेहद चिंताजनक बात है कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस्तीफा दे दिया है। निर्वाचन आयोग जैसी संवैधानिक संस्था कैसे काम कर रही है? इसमें बिल्कुल भी पारदर्शिता नहीं है।’’ उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह निर्वाचन आयोग पर दबाव डालती है। वेणुगोपाल ने दावा किया, ‘‘2019 के लोकसभा चुनाव के दौरानअशोक लवासा ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए प्रधानमंत्री को क्लीन चिट देने के खिलाफ असहमति जताई थी। बाद में, उन्हें लगातार पूछताछ का सामना करना पड़ा। यह रवैया दर्शाता है कि शासन लोकतांत्रिक परंपराओं को नष्ट करने पर तुला हुआ है।’’ उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को स्पष्ट किया जाना चाहिए और आयोग को हर समय पूरी तरह से गैर-पक्षपातपूर्ण होना चाहिए।
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राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता मनोज झा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘खबर आ रही है कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया है। संभवतः लोकसभा के आम चुनाव की घोषणा के ठीक एक सप्ताह पहले। इस तरह के इस्तीफे संशय पैदा करते हैं कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होंगे भी?’’ इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने कहा कि यह बेहद चिंताजनक चीज है कि आम चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग में दो नियुक्तियां की जानी है। उन्होंने एक्स पर कहा, ‘‘2024 लोकसभा चुनाव से पहले, आज के इस्तीफे के बाद अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करेंगे। यह बहुत ही चिंताजनक है।
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