कांग्रेस सांसद शशि थरूर केरल के औद्योगिक विकास पर अपने रुख से पीछे हटे

Shashi Tharoor
ANI

कांग्रेस नेता ने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘एकमात्र अच्छी बात यह है कि कम से कम सरकार के दावे सही इरादों की ओर इशारा करते हैं। हमें और अधिक एमएसएमई स्टार्ट-अप की आवश्यकता है लेकिन केवल कागज़ों पर नहीं।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रविवार को केरल में औद्योगिक विकास के संबंध में अपने रुख से पीछे हटते हुए कहा कि राज्य को और अधिक ‘एमएसएमई स्टार्ट-अप’ की जरूरत है, लेकिन यह सिर्फ कागजों पर नहीं होना चाहिए।

थरूर ने ‘एक्स’ पर एक अंग्रेजी दैनिक की खबर को साझा करते हुए राज्य के स्टार्ट-अप परिदृश्य पर निराशा व्यक्त की और कहा कि यह उतना आशाजनक नहीं है जितना बताया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह देखकर निराशा हुई कि केरल की स्टार्ट-अप उद्यमिता की कहानी वैसी नहीं है जैसी बताई गई है।’’ थरूर द्वारा साझा की गई खबर में दावा किया गया कि पिछले नौ वर्षों में केरल में 42,000 से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) बंद हो गए जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 1,03,764 श्रमिकों का रोजगार छिन गया।

कांग्रेस नेता ने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘एकमात्र अच्छी बात यह है कि कम से कम सरकार के दावे सही इरादों की ओर इशारा करते हैं। हमें और अधिक एमएसएमई स्टार्ट-अप की आवश्यकता है लेकिन केवल कागज़ों पर नहीं। केरल को इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए!’’

वहीं, राज्य के उद्योग मंत्री पी राजीव ने खबर को ‘‘निराधार’’ बताते हुए इसे खारिज किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 10 फरवरी को विधानसभा में विस्तृत जवाब दिया था। हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में कहा था कि पिछले चार वर्षों में केरल में 1,700 एमएसएमई बंद हो गए।’’

राजीव ने कहा कि देश में 30 प्रतिशत एमएसएमई अपने पहले वर्ष के भीतर ही बंद हो जाते हैं जबकि केरल में यह आंकड़ा केवल 15 प्रतिशत है। उन्होंने आरोप लगाया कि रिपोर्ट किसी खास उद्देश्य से प्रकाशित की गई है क्योंकि इसमें आंकड़ों के स्रोत का उल्लेख नहीं किया गया है।

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