युवा विहीन होती जा रही कांग्रेस ! राहुल को अध्यक्ष पद स्वीकार नहीं, LS में मिली हार के बाद से नहीं संभल पाई पार्टी

Rahul Gandhi
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कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को राहुल गांधी से काफी उम्मीदें हैं। शायद इसी वजह से अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, सिद्धारमैया जैसे वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष पद स्वीकारने के लिए काफी ज्यादा मनाया लेकिन राहुल गांधी हैं कि मानने को तैयार नहीं और तो और बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ विदेश निकल गए।

नयी दिल्ली। कांग्रेस के चुनौतीपूर्ण स्थिति बनी हुई है। वायनाड से सांसद और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद स्वीकार करने को तैयार नहीं। हालांकि पार्टी का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने युवाओं को आगे बढ़ाते हुए भविष्य की रणनीति के आधार पर कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश की थी। उनमें बिल्कुल संजय गांधी वाली छवि दिखाई दे रही थी। जिस प्रकार ने संजय गांधी ने तमाम वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज कर अंबिका सोनी, दिग्विजय सिंह, एके एंटेनी, अशोक गहलोत, राजेश पायलट समेत अगली पीढ़ी के नेताओं को पार्टी में शामिल कराकर महत्वूपूर्ण जिम्मेदारी दी थी। ठीक वैसा ही काम राहुल गांधी कर रहे थे लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में मिली करारी हार के साथ ही राहुल गांधी की टीम बिखर गई और वरिष्ठ नेता एक बार फिर से गांधी परिवार को खासम-खास बन गए।

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युवा विहीन होती जा रही कांग्रेस!

कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को राहुल गांधी से काफी उम्मीदें हैं। शायद इसी वजह से अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, सिद्धारमैया जैसे वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष पद स्वीकारने के लिए काफी ज्यादा मनाया लेकिन राहुल गांधी हैं कि मानने को तैयार नहीं और तो और बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ विदेश निकल गए। दरअसल, पाला बदलने वालों ने राहुल गांधी का सबसे ज्यादा सिरदर्द बढ़ाया है और तो और राहुल गांधी की खुद की टीम की बिखर गई। जिसकी वजह से कुछ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी तो कुछ नेताओं को नजरअंदाज कर दिया गया।

कांग्रेस अध्यक्ष बनने के साथ ही राहुल गांधी ने एक युवा टीम तैयार की थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया, आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद जैसे नेता राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते थे। लेकिन राहुल गांधी द्वारा नजरअंदाज किए जाने के बाद इन तीनों नेताओं ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया। हालांकि मिलिंद देवड़ा और सचिन पायलट अभी भी कांग्रेस में बने हुए हैं। लेकिन मौजूदा परिस्थितियों से ये भी खफा बताए जाते हैं। सचिन पायलट ने तो लगभग कांग्रेस को राजस्थान में बड़ा झटका दे ही दिया था मगर अशोक गहलोत ने अपना जादू दिखाकर सभी विधायकों को बाड़े बंदी की और सरकार को गिरने से बचा लिया और इसके लिए वो सचिन पायलट को कई दफा जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। हाल ही में कांग्रेस के तेजतर्रार राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया।

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कांग्रेस छोड़ने वाले प्रमुख नेता

कांग्रेस को अलविदा कहने वाले नेताओं की फेहरिस्त काफी लंबी है। लेकिन युवाओं में यह नाम काफी ज्यादा अहम हैं। जिनमें ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया, हिमंता बिस्‍व सरमा, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव, आरपीएन सिंह, अदिति सिंह, प्रियंका चतुर्वेदी, अशोक तंवर इत्यादि शामिल हैं। एडीआर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2016 से 2020 के बीच में कांग्रेस के 170 सीटिंग विधायकों ने पार्टी को अलविदा कहा है। कांग्रेस छोड़ने वालों में न सिर्फ युवा हैं बल्कि वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं। जिसमें अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, कपिल सिब्बल शामिल हैं।

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