कांग्रेस ने उठाए SC के फैसले पर सवाल, कहा- वीवीपैट पर निर्णय तर्कसंगत नहीं

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रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘यह कांग्रेस और भाजपा का प्रश्न नहीं है, बल्कि यह प्रजातंत्र की विश्वसनीयता का प्रश्न है। अगर विश्वसनीयता खत्म हो जाएगी तो प्रजातंत्र नहीं बचेगा।

 नयी दिल्ली। वीवीपैट पर्चियों के मिलान को एक मतदान केन्द्र से बढ़ाकर पांच केन्द्र में किए जाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर सोमवार को कांग्रेस ने कहा कि यह तर्कसंगत नहीं है और इस पर पुनर्विचार होना चाहिए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रजातंत्र में यह सबसे आवश्यक है कि हर व्यक्ति उसी को वोट दे जिसे वह चाहता है और उसका वोट उसी के खाते में जाए जिसे उसने दिया है। इसके बगैर प्रजातंत्र नहीं चलेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब ईवीएम के साथ पेपर ट्रेल लगाने का आदेश दिया तब निश्चित तौर पर उच्चतम न्यायालय के दिमाग में यह संदेह रहा होगा कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हो सकती है।’’

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘यह कांग्रेस और भाजपा का प्रश्न नहीं है, बल्कि यह प्रजातंत्र की विश्वसनीयता का प्रश्न है। अगर विश्वसनीयता खत्म हो जाएगी तो प्रजातंत्र नहीं बचेगा। इसलिए राजनीतिक दलों ने वीवीपैट की कम से कम 50 प्रतिशत पर्चियों की मिलान की बात कही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वीवीपैट पर्चियों के मिलान को एक मतदान केन्द्र से बढ़ाकर पांच केन्द्र किया जाना प्रजातंत्र की मान्यताओं के अनुरूप नहीं है। यह तर्कसंगत नहीं है। उन्हें इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।’’

दरअसल, उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि आगामी लोकसभा चुनावों में चुनाव प्रक्रिया के प्रति मतदाताओं के बेहतर भरोसे के लिये मतगणना के दौरान एक विधानसभा क्षेत्र में वीवीपैट पर्चियों के मिलान को एक मतदान केन्द्र से बढ़ाकर पांच केन्द्र तक किया जाये।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने 21 विपक्षी दलों के नेताओं के इस अनुरोध को नहीं माना कि ईवीएम मशीनों से लगी वीवीपैट की कम से कम 50 फीसदी पर्चियों का मिलान किया जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि ऐसा करने के लिये बहुत अधिक लोगों की आवश्यकता होगी और संगठनात्मक असुविधाओं को ध्यान में रखते हुये ऐसा करना संभव नहीं होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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