कांग्रेस की कर्ज माफी किसानों से पक्षपात और धोखाधड़ीः बंशीलाल गुर्जर
यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री एवं किसान कल्याण आयोग के पूर्व अध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर ने मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा सोमवार को टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित कर्जमाफी संबंधी चर्चा पर प्रतिक्रिया जताते हुए कही।
भोपाल। कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री किसानों की कर्जमाफी जिस तरीके से करना चाहते हैं, वह प्रदेश के किसानों के साथ वादाखिलाफी है। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में प्रदेश के सभी किसानों के 2 लाख तक का कर्ज माफ किए जाने का वादा किया था, अब सरकार बन जाने पर मुख्यमंत्री सिर्फ 31 मार्च, 2018 तक के कर्जदार किसानों के कर्ज माफ करने की बात कर रहे हैं। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री एवं किसान कल्याण आयोग के पूर्व अध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर ने मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा सोमवार को टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित कर्जमाफी संबंधी चर्चा पर प्रतिक्रिया जताते हुए कही।
Bhopal: Madhya Pradesh Chief Minister Kamal Nath signs on the files for farm loan waiver pic.twitter.com/NspxMA8Z6i
— ANI (@ANI) December 17, 2018
प्रदेश महामंत्री गुर्जर ने कहा कि कांग्रेस ने कर्जमाफी की बात पर प्रदेश के किसानों को अंधेरे में रखा है और उनके साथ छल किया है। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के पहले सभी किसानों के 2 लाख रुपए तक के कर्ज माफ करने की बात कही थी। लेकिन अब सरकार बन जाने के बाद कांग्रेस अपने इस वादे से मुकर रही है। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ अब सिर्फ 31 मार्च, 2018 तक के किसानों के कर्ज माफ करने की बात कर रहे हैं। गुर्जर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के इस आदेश की परिधि में सिर्फ वे मुट्ठी भर किसान ही आएंगे, जो 31 मार्च 2018 की स्थिति में डिफाल्टर थे। जबकि कांग्रेस ने वादा सभी किसानों के कर्ज माफ करने का किया था। उन्होंने कहा कि ऐसा करके कांग्रेस सरकार किसानों के साथ पक्षपात कर रही है।
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गुर्जर ने कहा कि 1 अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू होता है और मुख्यमंत्री कमलनाथ जैसा कह रहे हैं, उसके अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष में कर्ज लेने वाले किसानों का कर्ज माफ नहीं किया जाएगा। यह प्रदेश के किसानों के साथ धोखा है। गुर्जर ने मांग की कि कांग्रेस सरकार यदि वास्तव में प्रदेश के किसानों को राहत देना चाहती है, तो वह 30 सितम्बर, 2018 तक की स्थिति में कर्जदार किसानों के कर्ज माफ करे।
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