Congress ने कहा कि न्यायपालिका को पीएमओ का हिस्सा बनाने की कोशिश की जा रही है

Congress
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि देश में अघोषित आपातकाल है और न्यायपालिका को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का हिस्सा बनाने का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का उद्देश्य देश के सामने ऐसे ‘खतरों’ को उजागर करना है।

कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि देश में अघोषित आपातकाल है और न्यायपालिका को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का हिस्सा बनाने का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का उद्देश्य देश के सामने ऐसे ‘खतरों’ को उजागर करना है। रमेश ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यात्रा का उद्देश्य बढ़ती आर्थिक विषमता को उजागर करना, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर चुनावी लाभ के लिए कथित रूप से सामाजिक ध्रुवीकरण करने और देश में व्याप्त राजनीतिक तानाशाही को चिह्नित करना है।

रमेश ने भारत और चीन के बीच सीमा गतिरोध का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘देश में अघोषित आपातकाल है। एक व्यक्ति का शासन है, संसद की अनदेखी की जा रही है, संसद में बहस नहीं होती है। हमारी सीमाओं पर खतरा इस बात का उदाहरण है, जिस पर ढाई साल बीत जाने के बावजूद चर्चा नहीं हो पाई है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘संविधान की अनदेखी की जा रही है, संवैधानिक निकायों को कमजोर किया जा रहा है और न्यायपालिका को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है।

हर दिन टिप्पणियां की जा रही हैं, न्यायपालिका को पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) का हिस्सा बनाने का प्रयास किया जा रहा है।’’ उनकी टिप्पणी उच्चतर न्यायपालिका में नियुक्तियों के मुद्दे पर चल रही बहस की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें सरकार वर्तमान कॉलेजियम प्रणाली पर सवाल उठा रही है और उच्चतम न्यायालय इसका बचाव कर रहा है।

रमेश ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘तो सवाल यह है कि जब देश को कोई तोड़ नहीं रहा, तो कांग्रेस भारत को एकजुट करने के लिए क्यों निकली है, हम कह रहे हैं कि देश विभाजित हो रहा है, खतरे हैं और अगर हम कदम नहीं उठाते, तो खतरे बढ़ेंगे, इसलिए हम आर्थिक विषमताओं, सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक तानाशाही के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। चुनावी रणनीति का यात्रा से कोई लेना-देना नहीं है।’’

उन्होंने कहा, दो रास्ते हैं- एक रास्ता आरएसएस-भाजपा का है और अपने रास्ते के मुताबिक वे एक व्यक्ति, एक व्यवस्था का इस्तेमाल कर रहे हैं और दूसरा रास्ता सद्भाव का है, जो कांग्रेस का तरीका है, महात्मा गांधी का तरीका है, राहुल गांधी का तरीका है, जहां लोकतंत्र की शहनाई बजाई जा रही है.. ये दो रास्ते हैं, जो हमारे देश के सामने हैं।’’ राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई। इसका समापन राहुल गांधी द्वारा श्रीनगर स्थित पार्टी मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराने और 30 जनवरी को शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में एक भव्य रैली को संबोधित करने के साथ होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़